Friday, October 18, 2024
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Kinnar Akhada: अमेरिका-ब्रिटेन के किन्नर बनेंगे प्रयागराज में महामंडलेश्वर, महाकुंभ में मिलेगी पदवी

किन्नर अखाड़े में बगावत के बीज उगने के साथ ही महाकुंभ में इसकी भरपाई करने की तैयारी की गई है। आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी की मौजूदगी में हाल में ही अखाड़े के विस्तार पर मुहर लगाई गई। देश के 22 राज्यों में विस्तार कर चुके इस अखाड़े ने किन्नरों को मान-सम्मान दिलाने का संकल्प लिया।

अंतर्कलह के बीच किन्नर अखाड़ा महाकुंभ में अब तक का सबसे बड़ा विस्तार करने जा रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी समेत सात देशों के 12 किन्नर महाकुंभ में जगद्गुरु और महामंडलेश्वर बन जाएंगे। इसके साथ ही देश-विदेश में अब तक नामित 55 किन्नर संतों को मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर और जगदगुरु की पदवी प्रदान की जाएगी। किन्नर अखाड़े की हाल में ही हुई बैठक में इस विस्तार का निर्णय लिया गया है। किन्नरों को महामंडलेश्वर और जगद्गुरु की पदवी मौनी अमावस्या के महास्नान पर्व पर प्रदान की जाएंगी।

किन्नर अखाड़े में बगावत के बीज उगने के साथ ही महाकुंभ में इसकी भरपाई करने की तैयारी की गई है। आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी की मौजूदगी में हाल में ही अखाड़े के विस्तार पर मुहर लगाई गई। देश के 22 राज्यों में विस्तार कर चुके इस अखाड़े ने किन्नरों को मान -सम्मान दिलाने का संकल्प लिया। इसके तहत सनातन संस्कृति के वैश्विक प्रचार के लिए सात देशों के किन्नर संतों को शीर्ष पदवियां प्रदान की जाएंगी, ताकि विश्व भर में किन्नरों को मान-सम्मान तो मिले ही, अखाड़े का वैश्विक विस्तार भी हो सके।

अंतर्कलह के बीच किन्नर अखाड़ा महाकुंभ में अब तक का सबसे बड़ा विस्तार करने जा रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी समेत सात देशों के 12 किन्नर महाकुंभ में जगद्गुरु और महामंडलेश्वर बन जाएंगे। इसके साथ ही देश-विदेश में अब तक नामित 55 किन्नर संतों को मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर और जगदगुरु की पदवी प्रदान की जाएगी। किन्नर अखाड़े की हाल में ही हुई बैठक में इस विस्तार का निर्णय लिया गया है। किन्नरों को महामंडलेश्वर और जगद्गुरु की पदवी मौनी अमावस्या के महास्नान पर्व पर प्रदान की जाएंगी।

किन्नर अखाड़े में बगावत के बीज उगने के साथ ही महाकुंभ में इसकी भरपाई करने की तैयारी की गई है। आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी की मौजूदगी में हाल में ही अखाड़े के विस्तार पर मुहर लगाई गई। देश के 22 राज्यों में विस्तार कर चुके इस अखाड़े ने किन्नरों को मान -सम्मान दिलाने का संकल्प लिया। इसके तहत सनातन संस्कृति के वैश्विक प्रचार के लिए सात देशों के किन्नर संतों को शीर्ष पदवियां प्रदान की जाएंगी, ताकि विश्व भर में किन्नरों को मान-सम्मान तो मिले ही, अखाड़े का वैश्विक विस्तार भी हो सके।

 

देश विदेश के 55 किन्ररों को मिलेंगी उपाधियां
इसके तहत किन्नर अखाड़ा देश और विदेश के 55 किन्नरों और ट्रांसजेंडरों को सनातन धर्म में उनके विशेष योगदान को देखते हुए अलग-अलग उपाधियां देगा। मौनी अमावस्या पर इसके लिए सबसे बड़ा आयोजन अखाड़े के शिविर में किया जाएगा। सनातन धर्म के शीर्ष पदों के रूप में प्रतिष्ठित महंत, पीठाधीश्वर, जगद्गुरु, मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर की पदवी के लिए किन्नर संतों की सूची तैयार कर ली गई है। इसमें ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, रूस, अमेरिका, नेपाल और श्रीलंका के 12 किन्नर संत शामिल हैं।

इनके अलावा यूपी के अलावा बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हिमाचल के 43 किन्नर संत बड़े पदों पर आसीन कराए जाएंगे। यहां अभिषेक के बाद उन्हें इलाकावार दायित्व दिया जाएगा। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने प्रयागराज पहुंचकर महाकुंभ के विस्तार पर पदाधिकारियों के साथ चर्चा की। इसके अलावा उन्होंने जूना अखाड़े के संरक्षक और अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि के साथ शाही स्नान और पेशवाई की तैयारियों को लेकर बैठक भी की।

देश भर के 20 राज्यों में काम कर रहा किन्नर अखाड़ा
उज्जैन और हरिद्वार के बाद तीन महीने बाद लगने वाले प्रयागराज के महाकुंभ में पहली बार किन्नर अखाड़े का अब तक का सबसे बड़ा विस्तार होगा। फिलहाल किन्नर अखाड़े में तीन महामंडलेश्वर और एक पीठाधीश्वर हैं। इसके अलावा 200 पदाधिकारियों को अलग-अलग राज्यों में जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। देश के 20 राज्यों में अखाड़ा काम कर रहा है।

किन्नर अखाड़े के अबतक का सबसे बड़ा विस्तार महाकुंभ में होगा।इसमें देश-विदेश के 55 किन्नर संतों को महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर और जगदगुरु के पदों पर अभिषेक कराया जाएगा। इस महाकुंभ में किन्नर अखाड़ा जूना के साथ शाही स्नान के लिए निकलेगा। – आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी. किन्नर अखाड़ा।

महामंडलेश्वर कल्याणीनंद गिरि पर लटकी निष्कासन की तलवार
किन्नर कल्याण परिषद बनाकर महामेला में अलग संस्था लगाने वाली किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कल्याणी नंद गिरि उर्फ छोटी पर भी निष्कासन की तलवार लटकने लगी है। महामंडलेश्वर कल्याणीनंद गिरि ने जहां अलग संस्था बना ली है, वहीं उन्होंने पिछले माघ मेले में अखाड़े से अलग अपना शिविर लगाया था। इसे अखाड़े के प्रमुख ने गंभीरता से लिया है। हालांकि आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने अपनी ओर से किसी को बाहर का रास्ता दिखाने से बचने की बात कही है, लेकिन उनका कहना है कि जो भी किन्नर संत अलग शिविर लगाएंगे या लगा चुके हैं, उन्हें किन्नर अखाड़े में न तो वापस जगह दी जाएगी और ना ही शाही स्नान में शामिल किया जाएगा।

किन्नर संतों को सुरक्षा के लिए चाहिए पैरामिलिट्री फोर्स
किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने मेलाधिकारी विजय किरन आनंद से मेला कार्यालय में मुलाकात की। उन्होंने मेलाधिकारी को बताया कि कुंभ मेला -2019 के दौरान सेक्टर-12 में पुलिस कर्मियों ने उनके शिविर में अराजकता का परिचय दिया था। महाशिवरात्रि स्नान के दौरान मारपीट भी की थी। ऐसे में महाकुंभ -2025 में शिविर की सुरक्षा के लिए उन्हें पैरामिलिट्री दी जाए।

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण ने कहा कि शिविर में किन्नर महिलाएं भी रहती हैं। ऐसे में शराब पीकर पुलिस कर्मी लोगों को परेशान करते हैं और उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं। मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने आश्वासन दिया कि किन्नर अखाड़ा के आसपास महिला पुलिस अधिकारी और महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती ही की जाएगी।

Courtsy amarujala.com
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