ख्याति प्राप्त चिकित्सक डा अर्पित बंसल ने महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर (एमपीवीएम) में आठवीं और नौवीं की छात्राओं के लिए व्याख्यान आज सभागार में दिया। जो लड़कियों के जीवन की बहुचर्चित समस्या ’सर्वाइकल कैन्सर’ से संबंधित जानकारी थी। इस अवसर पर ‘रोटरी क्लब’ प्रयागराज की अध्यक्षा डा राधा सक्सेना एवं सचिव नीरज चुग साथ क्लब के कुछ वरिष्ठ सदस्य भी थे।
बालिकाओं एवं महिलाओं के मध्य आजकल इस बीमारी की तादात बढ़ती ही जा रही है।
कार्यक्रम का श्री गणेश ‘शुभं करोति कल्याणं श्लोक पाठ की वन्दना के साथ हुआ जिसे अपने सुरीले कंठ से सजाया विद्यालय की शिक्षिका अंशुल मालवीय ने। अम्बिका मैडम ने कार्यक्रम का संचालन किया।
डा अर्पित बंसल ने सर्वाइकल कैन्सर के विषय में विस्तार से जानकारियाँ देते हुये कहा कि कैन्सर कोशिकाओं के अवयव हम सबके शरीर में रहते है किन्तु हमें उसे बढ़ने से बचाना होता है। उन्होंने कहा कि उसकी पहचान व निदान दोनो ही पक्षों पर हमारी सतर्कता, जागरूकता अनिवार्य है।
डा अर्पित बंसल ने कहा कि आज के प्रगतिशील युग में इस बीमारी से घबराने के बजाय उसके लक्षणों का ज्ञान एवं उपचार के क्रम को जानना ज्यादा जरूरी है। शरीर के किसी भी अंग पर यदि ट्यूमर है तो समय के रहते उसकी जाँच होनी आवश्यक है, यहाँ तक कि कीमो थेरेपी व रेडियो थेरेपी के द्वारा भी कैन्सर का इलाज बहुत हद तक सम्भव है बशर्ते उसकी जाँच समय से हो जाय। डा अर्पित बंसल ने भिन्न-भिन्न प्रकार की वैक्सीन व इंजेक्शन की जानकारियाँ दी, जो बहुत महंगी नहीं है,जिसके प्रयोग से हम स्वस्थ हो सकते हैं।
डा अर्पित बंसल ने कहा कि इस बीमारी के फैलने में थोड़ा समय लगता है अतः जितनी जल्दी हो सके उपचार के क्रम में लग जाना चाहिये। डा अर्पित बंसल ने कहा कि शरीर में जल की मात्रा का पर्याप्त होना। डाक्टर्स के अनुसार 60 से 70 प्रतिशत शरीर में जल की मात्रा हमेशा बनी रहे, इसके लिये खूब पानी पीना यहाँ तक कि प्यास लगी हो या न लगी हो पानी पीते रहना चाहिये।
उन्होंने बताया कि भोजन का समय, नियमित योगाभ्यास व व्यायाम अति आवश्यक है, साथ ही यदि हो सके तो तैराकी अवश्य करे ये क्रियायें हमें बीमारी से दूर रखेंगी। डा बंसल ने कहा कि हमारे हाथों में है हमारा स्वस्थ जीवन, हम स्वयं भी बचे व अपने परिवार एवं समाज को भी स्वस्थ रखने में पूरा सहयोग दे सकते हैं।
कार्यक्रम के अन्त में विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती अल्पोना डे ने डा बंसल को उपहार स्वरूप तुलसी का पौधा भेंट किया एवं अपने साधुवाद में डा अर्पित बंसल द्वारा दी गई सभी आवश्यक जानकारियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुये कहा कि हम शिक्षकों को, माताओं को अपने बच्चों को इस विषय में पहले से ही जागरूक रखना है। उन्होंने कहा कि प्रायः समय मिलने पर बच्चियों से इस बीमारियों के लक्षण के विषय में बराबर बातचीत करते रहना चाहिये, ताकि कोई छोटी सी चूक विकराल स्वरूप लेकर हमारे सामने न आ जाय। बच्चो का संतुलित आहार-विहार तथा योगाभ्यास पर बराबर ध्यान देते रहना चाहिये।
Anveshi India Bureau