Wolf terror in UP: यूपी के बहराइच जिले में करीब 50 दिनों से भेड़ियों का आतंक जारी है। अब शासन इसको लेकर निर्णय की स्थिति में आ गया है।
बहराइच जिले की महसी तहसील क्षेत्र के 50 गांवों में 49 दिनों से आतंक का पर्याय बने भेड़ियों से निजात की अंतिम कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मंगलवार को दो रेंजरों समेत 10 सदस्यीय टीम गठित की गई है, जिसे भेड़ियों को ट्रैंकुलाइज करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अगर भेड़िये ट्रैंकुलाइज नहीं हुए तो उन्हें मारने के भी आदेश दिए गए हैं। डीएम मोनिका रानी ने बताया कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव संजय श्रीवास्तव के आदेश पर टीम गठित की गई है, जिसमें वन विभाग से रेंजर पंकज साहू, अतुल श्रीवास्तव, पशु चिकित्सक दीपक वर्मा, वन सुरक्षाधिकारी दीपक सिंह, डिप्टी रेंजर प्रदीप कुमार, वन रक्षक मनोज तिवारी शामिल हैं। पुलिस विभाग से दरोगा रमेश चंद्र, आरक्षी अरुणेश कुमार व मधु गुप्ता को भी शामिल किया गया है। पहले भेड़ियों को ट्रैंकुलाइज कर काबू करने का प्रयास किया जाएगा।
हरदी क्षेत्र में भेड़ियों का आतंक थम नहीं रहा। 48 घंटे के भीतर सोमवार रात छठीं बार हमला किया। मां के साथ सो रही अफसाना (5) को निवाला बनाने का प्रयास किया। बालिका की चीख सुनकर उठे परिजनों को देख भेड़िया भाग निकला। अफसाना को गंभीर हालत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती कराया गया। भेड़ियों के लगातार हमलों से ग्रामीण दहशत में हैं। रात जागकर काटनी पड़ रही है। ग्रामीण बारी-बारी से पहरा भी दे रहे हैं।
ग्राम पंचायत पंडोहिया के मजरा गिरधरपुरवा निवासी अफसाना सोमवार रात मां के साथ आंगन में सो रही थी। करीब 12 बजे भेड़िया ने अफसाना का गला दबोच भागने का प्रयास किया। अफसाना की चीख सुन पिता अनवरी अली, मां व अन्य परिजन जाग गए। इसपर भेड़िया अफसाना को छोड़कर खेतों की ओर भाग निकला। बीडीओ महसी हेमंत यादव ने रात में ही टीम के साथ मौके पर पहुंच परिजनों का हाल जाना। मंगलवार सुबह सीओ रुपेंद्र गौड़ ने मामले की जांच की।
हमले के साथ आक्रोश भी बढ़ा