पिछले छह महीने में साइबर थाना पुलिस के पास 12 डिजिटल अरेस्ट की शिकायतें आ चुकी हैं। इनमें तीन लोग ऐसे भी हैं, जिनसे करोड़ों व लाखों में ठगी हो चुकी है। साइबर जालसाजों ने लोगों से पैसा ऐंठने के लिए डिजिटल अरेस्ट नाम का एक नया तरीका अपनाया है।
हेलो, मैं कस्टम अधिकारी बोल रहा हूं, आपने नशा तस्करी की है। फर्जी पासपोर्ट व कुछ दस्तावेज मिले हैं। इसलिए आपको डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है। व्हाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शातिर अपराधी तीन से चार घंटे वीडियो काॅलिंग करके डिजिटल अरेस्ट करने की धमकी देते हैं और फिर मोटी रकम ऐंठ रहे हैं। इस तरह के केस शहर में दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं।
पिछले छह महीने में साइबर थाना पुलिस के पास 12 डिजिटल अरेस्ट की शिकायतें आ चुकी हैं। इनमें तीन लोग ऐसे भी हैं, जिनसे करोड़ों व लाखों में ठगी हो चुकी है। साइबर जालसाजों ने लोगों से पैसा ऐंठने के लिए डिजिटल अरेस्ट नाम का एक नया तरीका अपनाया है। साइबर पुलिस ने बताया कि जालसाज व्हाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से लाेगों को वीडियो काॅलिंग करते हैं। झांसा देते हैं कि उनके नाम पर ड्रग्स या फर्जी पासपोर्ट पकड़ा गया है। उनको डिजिटली गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने बताया कि अगर किसी के पास इस तरह का कोई फोन आता है तो वह बिल्कुल न डरे, बल्कि उस नंबर को ब्लैक लिस्ट में डाल दें। क्योंकि, इस तरह के फोन ज्यादातर व्हाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से ही आते हैं। अगर इन प्लेटफॉर्म से फोन आता है तो फाैरन समझ लेना चाहिए कि काॅल फर्जी है। पुलिस कभी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से काॅल कर थाने नहीं बुलाएगी। अगर किसी के साथ ऐसा होता है तो फाैरन साइबर पुलिस हेल्पलाइन नंबर 1930 या फिर डायल-112 पर फोन कर इसकी सूचना दें।
पीड़ितों को किसी से संपर्क करने का नहीं मिलता माैका
Courtsy amarujala.com