कोर्ट ने पंजाब राज्य और अन्य बनाम मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर अतिरिक्त भुगतान की वसूली के आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही कहा कि एक माह के भीतर छह प्रतिशत ब्याज प्रतिवर्ष की दर से रुपये वापस किए जाएं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गलत वेतन भुगतान के आधार पर काटी गई ग्रेच्युटी राशि को छह प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने जिला पंचायत राज अधिकारी एवं वरिष्ठ कोषाधिकारी संत कबीर नगर को एक महीने के भीतर रुपये वापस करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय की कोर्ट ने भागीरथी की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया।
मामले में याची भागीरथी यूपी के पंचायती राज विभाग, लखनऊ में ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर तैनात थे और 31 जुलाई 2020 को सेवानिवृत्त हुए। सेवा के दौरान गलत वेतन निर्धारण के कारण उन्हें अतिरिक्त राशि का भुगतान कर दिया गया। इस आधार पर जिला पंचायत राज अधिकारी, संत कबीर नगर के आदेश से सेवानिवृत्ति के दौरान याची की ग्रेच्युटी से 5,90,061 रुपये की कटौती की गई। इसके विरोध में याचिका दायर की गई।
कोर्ट ने पंजाब राज्य और अन्य बनाम मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर अतिरिक्त भुगतान की वसूली के आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही कहा कि एक माह के भीतर छह प्रतिशत ब्याज प्रतिवर्ष की दर से रुपये वापस किए जाएं।
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