यह आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली व न्यायमूर्ति विकास बुधवार की कोर्ट ने कम ऑन इंडिया नामक संगठन की जनहित याचिका पर दिया है। साथ ही संगठन ने उपभोक्ता संरक्षण (राज्य आयोग और जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति, भर्ती की विधि, नियुक्ति की प्रक्रिया, कार्यालय की अवधि, इस्तीफा और हटाने) नियम, 2020 के नियम 10 की वैधता को चुनौती दी थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (डीसीडीआरसी) में सेवानिवृत्त हो रहे अध्यक्षों व सदस्यों को नई नियुक्तियां न होने तक अपने पदों पर बने रहने का निर्देश दिया है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली व न्यायमूर्ति विकास बुधवार की कोर्ट ने कम ऑन इंडिया नामक संगठन की जनहित याचिका पर दिया है। साथ ही संगठन ने उपभोक्ता संरक्षण (राज्य आयोग और जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति, भर्ती की विधि, नियुक्ति की प्रक्रिया, कार्यालय की अवधि, इस्तीफा और हटाने) नियम, 2020 के नियम 10 की वैधता को चुनौती दी थी।
याची अधिवक्ता शिवम शुक्ला ने दलील दी कि डीसीडीआरसी में कई पद पहले ही खाली हैं। सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष इस संबंध में मुकदमे के लंबित होने से नई नियुक्तियां नहीं हो रही हैं। ऐसे में आयोग के सेवानिवृत्त होने वाले अध्यक्षों व सदस्यों की सेवाएं नहीं बढ़ाई गईं तो मामले बढ़ते जाएंगे। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का संदर्भ दिया गया, जिसमें कहा गया था कि जो आवेदक अभी भी सेवा में हैं, उन्हें अगले आदेश तक जारी रखा जाएगा।
सरकारी अधिवक्ता ने दलील दी कि उपभोक्ता संरक्षण नियम 2020 के प्रावधानों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में वाद लंबित है, जिसमें अंतरिम आदेश दिया गया है। ऐसे में नियुक्तियां तब तक नहीं की जा सकती हैं, जब तक कि अंतिम निर्णय न आ जाए। हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय की ओर से दिए गए अंतरिम आदेश को ध्यान में रखते हुए निर्देश दिया कि जो डीसीडीआरसी अध्यक्ष और सदस्य अभी भी सेवा में हैं, उन्हें अगले आदेश तक जारी रखा जाएगा।
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