डांसर सपना चौधरी ने एसीजेएम अदालत के उस आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसमें उनके पासपोर्ट को नवीनीकृत करने के आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया कि अदालत के पास पासपोर्ट नवीनीकृत करने की अनुमति देने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डांसर सपना चौधरी के पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र पर रोक लगाने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने पासपोर्ट अधिकारियों को सपना चौधरी द्वारा उनके पासपोर्ट के नवीनीकरण या पुनः जारी करने के लिए दिए गए आवेदन पर निर्णय लेने और एक महीने के भीतर आदेश पारित करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि विदेश यात्रा का अधिकार व्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा है। यह कहते हुए जस्टिस शमीम अहमद की पीठ ने पासपोर्ट जारी करने के लिए आपत्ति प्रमाण पत्र जारी करने से इनकार करने वाले अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय का आदेश रद्द कर दिया।
डांसर सपना चौधरी ने एसीजेएम अदालत के उस आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसमें उनके पासपोर्ट को नवीनीकृत करने के आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया कि अदालत के पास पासपोर्ट नवीनीकृत करने की अनुमति देने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है।
सपना ने एसीजेएम कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उनके वकील ने कोर्ट में दलील दी कि अगर भविष्य में उन्हें बरी कर दिया जाता है तो अपने पेशेवर काम के लिए विदेश नहीं जाने से उनको भारी नुकसान हो सकता है। यह भी तर्क दिया गया कि इस तरह का इनकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 के तहत आवेदक के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
पक्षकारों के वकील द्वारा दी गई दलीलों पर विचार करने और रिकॉर्ड को देखने के बाद अदालत ने कहा कि नागरिक भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1)(डी) और अनुच्छेद 21 के तहत पासपोर्ट के हकदार हैं।
अदालत ने पाया कि एसीजेएम कोर्ट ने अधिसूचना और विदेश मंत्रालय के कार्यालय ज्ञापन की अनदेखी की और आदेश रद्द कर दिया। नतीजतन, चौधरी को इस आदेश की तारीख से 20 दिनों के भीतर संबंधित क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी के समक्ष अपने पासपोर्ट के नवीनीकरण/पुनः जारी करने के लिए हाईकोर्ट के आदेश की प्रमाणित प्रति के साथ नया आवेदन देने का निर्देश दिया गया।