Monday, October 14, 2024
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High Court : जीजा के हत्यारोपी की जमानत मंजूर, अलीगढ़ में छह साल पहले हुई थी वारदात

यह बहुचर्चित माbaमला अलीगढ़ के जिले के थाना बन्ना देवी इलाके का है। 11 अप्रैल 2018 को पुलिस को ट्रैक पर एक व्यक्ति का शव क्षत-विक्षत मिला था। उसकी पहचान राधेलाल पुत्र पन्नालाल निवासी बरौला जाफरबाद थाना बन्नादेवी के रूप में हुई।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ के बन्ना देवी इलाके में बहन और भांजे के साथ मिलकर जीजा की हत्या करने के आरोपी साले की जमानत मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की अदालत ने आरोपी संजय उर्फ सज्जन की ओर से दाखिल दूसरी जमानत अर्जी पर अधिवक्ता बलबीर यादव की दलील सुनकर दिया है।

यह बहुचर्चित माbaमला अलीगढ़ के जिले के थाना बन्ना देवी इलाके का है। 11 अप्रैल 2018 को पुलिस को ट्रैक पर एक व्यक्ति का शव क्षत-विक्षत मिला था। उसकी पहचान राधेलाल पुत्र पन्नालाल निवासी बरौला जाफरबाद थाना बन्नादेवी के रूप में हुई। 12 अप्रैल को पोस्टमार्टम के बाद जब मौत के कारणों की जांच की गई तो बेहद रोचक तथ्य सामने आए। पिता पन्नालाल ने बहू मालती, पौत्र अमित और बहू के भाई संजय उर्फ सज्जन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।

अभियोजन की कहानी के मुताबिक राधेलाल की पत्नी उससे छुटकारा चाहती थी। क्योंकि, राधेलाल शराब बहुत पीता था और पत्नी को मारता-पीटता था। इससे तंग आकर उसने भाई और बेटे के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद उसे दुर्घटना का रूप देने के लिए शव ले जाकर ट्रैक पर फेंक दिया था। रातभर ट्रेनें निकलती रहीं, जिससे शव क्षत-विक्षत हो गया था। इसके बाद पुलिस ने तीनों को जेल भेज दिया था। पिछले पांच वर्षों से आरोपी जेल में था। इस दौरान ट्रायल शुरू हो गया।

याची के अधिवक्ता बलबीर यादव ने दलील दी कि ट्रायल के दौरान मुकदमा वादी पन्ना लाल और उनकी पत्नी कश्मीरी के दर्ज बयान अभियोजन की कहानी का समर्थन नहीं करते। मालती को हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है।

 

Courtsyamarujala.com

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