डाकघर की बचत योजनाओं के नाम पर दारागंज डाकघर के एजेंट ने करीब छह करोड़ का गबन कर लिया है। यह खेल पिछले 10 वर्ष से चल रहा था। उसने अपनी बहन के साथ मिलकर पैसे हड़पे। दो महीने पहले उसका निधन हो गया तो मामला प्रकाश में आया।
दारागंज डाकघर के अभिकर्ता द्वारा डाक विभाग की योजनाओं के नाम पर छह करोड़ रुपये से ज्यादा का घपला करने के मामले में डाकघर के पोस्टमास्टर सहित 12 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जांच में प्रथम दृष्टया संलिप्तता उजागर होने के बाद यह कार्रवाई की गई है। एक दो स्टाफ छोड़कर डाकघर के सारे कर्मचारी निलंबित कर दिए गए हैं। इससे हड़कं मचा हुआ है। जांच में अभी कई और नाम सामने आ सकते हैं। मामले की जांच के लिए डाक निदेशक ने सात सहायक डाक अधीक्षकों की टीम गठित की है।
डाकघर की बचत योजनाओं के नाम पर दारागंज डाकघर के एजेंट ने करीब छह करोड़ का गबन कर लिया है। यह खेल पिछले 10 वर्ष से चल रहा था। उसने अपनी बहन के साथ मिलकर पैसे हड़पे। दो महीने पहले उसका निधन हो गया तो मामला प्रकाश में आया। करीब 40 लोगों ने इसकी शिकायत डाक विभाग में की तो निदेशक ने जांच के लिए सात सहायक डाक अधीक्षकों (एएसपी) की टीम बना दी। मामले में प्रथम दृष्टचा संलिप्तता उजागर होने पर निदेशक ने पोस्टमास्टर समेत 12 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।
2018 में एक ने एनएससी के लिए पैसा दिया, लेकिन निखिल ने किसान विकास पत्र बनवा दिया। इसकी शिकायत हुई तो एजेंसी रद्द कर दी गई। उसकी डाक विभाग के अफसरों में अच्छी पैठ थी। इसलिए मामला तूल नहीं पकड़ा। उसी दाैरान उसने बहन नीति के नाम एजेंसी ले ली और खुद काम करता रहा। लोगों का भरोसा बना रहे, इसलिए वह नियमित ब्याज और रिटर्न देता रहा।
Courtsyamarujala.com