फूलपुर लोकसभा क्षेत्र कुर्मी बाहुल्य है। इसी वजह से तमाम राजनीतिक दल इस सीट से कुर्मी प्रत्याशी या अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को टिकट देते आए हैं। सपा की बात करें तो उसने फूलपुर किला अंतिम बार वर्ष 2004 में फतेह किया था।
भाजपा ने फूलपुर से वर्तमान सांसद केशरी देवी पटेल का टिकट काटकर विधायक प्रवीण पटेल को अपना प्रत्याशी बनाया है। अब सबकी निगाहें सपा पर टिकी हैं। सपा ने इलाहाबाद संसदीय सीट गठबंधन के साथ कांग्रेस को पहले ही दे दी है, लेकिन फूलपुर से अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। चर्चा इस बात की है कि भाजपा की तरह सपा भी फूलपुर से पिछड़ी जाति के ही उम्मीदवार को टिकट दे सकती है।
फूलपुर लोकसभा क्षेत्र कुर्मी बाहुल्य है। इसी वजह से तमाम राजनीतिक दल इस सीट से कुर्मी प्रत्याशी या अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को टिकट देते आए हैं। सपा की बात करें तो उसने फूलपुर किला अंतिम बार वर्ष 2004 में फतेह किया था। तब सपा के टिकट पर बाहुबली अतीक अहमद ने केशरी देवी पटेल को शिकस्त दी थी। हालांकि, उस समय केशरी देवी ने यह चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा था। हालांकि, 2018 में उपचुनाव में भी सपा के टिकट पर नागेंद्र सिंह पटेल यहां से चुनाव जीत चुके हैं।
फूलपुर लोकसभा के इतिहास को देखे तो यहां चुनाव जीतने वाले अधिकांश कुर्मी समाज के ही नेता रहे हैं। जवाहर लाल नेहरू की तरह से यहां से तीन बार राम पूजन पटेल सांसद निर्वाचित हुए हैं। सपा की बात करें तो उसके प्रत्याशियों ने फूलपुर लोकसभा चुनाव 1996, 1998, 1999, 2004, 2018 में जीता। 2014 और 2019 में सपा यहां दूसरे नंबर पर रही। अब 2024 में पार्टी यहां से किसे उतारेगी, उसका निर्णय अगले कुछ दिन में हो जाएगा।