शहर के चार मार्गों पर स्ट्रीट लाइट लगाने का काम बीती पांच फरवरी से ही कागज पर आरंभ है। करीब 2.29 करोड़ रुपये से अधिक के इस कार्य को झांसी को दो फर्मों को दिया गया है। इसमें 62.07 लाख रुपये की लागत से केपी इंटर कॉलेज से अमर नाथ झा मार्ग तक स्ट्रीट लाइट लगाने का काम झांसी की मेसर्स यूपी इलेक्ट्रिकल्स को दिया गया है।
स्मार्ट सिटी में महाकुंभ के तहत प्रमुख मार्गों पर स्ट्रीट लाइट लगाने का काम तय अवधि बीतने के बाद भी शुरू नहीं हो सका है। 2.29 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की यह स्ट्रीट लाइटें झांसी की फर्मों से फरवरी में ही खरीदी जानी थीं, लेकिन अनुबंध की अवधि बीतने के बाद अभी तक उनका अतापता नहीं है। कहा जा रहा है कि स्ट्रीट लाइटों की खरीद के लिए जिस कंपनी से अनुबंध किया गया था, उससे अभी तक आपूर्ति ही नहीं हो सकी है। ऐसे में काम ठप पड़ गया हैं।
शहर के चार मार्गों पर स्ट्रीट लाइट लगाने का काम बीती पांच फरवरी से ही कागज पर आरंभ है। करीब 2.29 करोड़ रुपये से अधिक के इस कार्य को झांसी को दो फर्मों को दिया गया है। इसमें 62.07 लाख रुपये की लागत से केपी इंटर कॉलेज से अमर नाथ झा मार्ग तक स्ट्रीट लाइट लगाने का काम झांसी की मेसर्स यूपी इलेक्ट्रिकल्स को दिया गया है।
इस काम को पांच फरवरी से आरंभ कर 20 अप्रैल को खत्म करना था। इसी तरह 69.43 लाख रुपये की लागत से बालसन चौराहे से चिल्ड्रेन अस्पताल तक, 64.43 लाख रुपये की लागत से ओल्ड यमुना ब्रिज से महेवा घाट तक का काम 20 अप्रैल तक और 33.08 लाख रुपये की लागत से एमएल कॉन्वेंट स्कूल से आनंद अखाड़ा होते हुए बाघंबरी गद्दी रोड तक छह मार्च तक काम पूरा करना था।
इन तीनों परियोजनाओं का अनुबंध झांसी की कंपनी आरवा एसोसिएट के साथ किया गया है। लेकिन, काम पूरा करना तो दूर अभी इसकी शुरुआत तक नहीं हो सकी है। ऐसे में शहर की चौड़ी सड़कों को स्ट्रीट लाइटों से गुलजार करने की नगर निगम की महाकुंभ की इस परियोजना की सुस्त चाल हैरान कर देने वाली है। इन कार्यों का अनुबंध सहायक अभियंता ओर से किया गया है। कहा जा रहा है कि जिस आरवा एसोसिएट्स को स्ट्रीट लाइटों का काम दिया गया है, उसी कंपनी से नगर निगम ने दूसरे क्षेत्रों में भी अनुबंध कर डाले हैं।
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