गिरफ्तारी से बचने के लिए निहारिका ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति महेशचंद्र त्रिपाठी और सुरेंद्र सिंह की कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई। दोनों तरफ से अधिवक्ताओं ने अपने तर्क रखे। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए आठ जुलाई की तिथि तय की है।
जमीन व शेयर में निवेश के नाम पर लोगो से 400 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में फरार चल रही निहारिका वेंचर्स के एमडी अभिषेक द्विवेदी की पत्नी निहारिका द्विवेदी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से फिलहाल कोई राहत नहीं मिली। हालांकि, कोर्ट ने पुलिस से अब तक हुई विवेचना की प्रगति रिपोर्ट तलब करते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए आठ जुलाई की तारीख नियत की है। यह आदेश न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह प्रथम की खंडपीठ ने निहारिका की ओर से गिरफ्तारी पर रोक और एफआईआर को करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
गौरतलब है कि हाल ही में सिविल लाइंस स्थित निहारिका वेंचर्स में निवेश करने के नाम पर 400 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया था। यह कंपनी रियल एस्टेट और शेयर बाजार में लोगों को पांच से छह फीसदी मुनाफे का लालच देकर मोटी रकम निवेश करवाती थी। आरोप है कि पिछले दो महीने से कंपनी ने लोगों के पैसे रोक लिए। कंपनी में प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी समेत अन्य शहर के रहने वाले लोगों ने निवेश किया है।
सूत्रों के मुताबिक इस कंपनी ने अबतक लगभग 500 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया है। निवेशक कौशल की तहरीर पर प्रयागराज के शिवकुटी थाने की पुलिस ने कंपनी के गोविंदपुर निवासी एमडी अभिषेक द्विवेदी उनकी पत्नी निहारिका और पिता ओमप्रकाश के खिलाफ शिवकुटी थाना में धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
शिकायतकर्ता निवेशकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल तिवारी ने याचिका का कड़ा विरोध किया। कहा कि निहारिका वेंचर्स ने आम लोगो और वकीलों को अपना शिकार बनाया है। जमीन और शेयर में निवेश के नाम पर करीब 400 करोड़ रुपए की ठगी की है। ठगी से कमाए रुपयों के एमडी अभिषेक द्विवेदी ने अपनी पत्नी निहारिका द्विवेदी के नाम पर कई प्लॉट और फ्लैट खरीदें हैं। लेकिन निवेशकों का रुपए अब तक वापस नही किया। लोगो के तगादें से बचने के लिए सिविल लाइंस स्थित अपने कार्यालय को भी बंद कर दिया है। कोर्ट ने मामले की गंभीरता से को देखते हुए पुलिस से अब तक हुई विवेचना की प्रगति रिपोर्ट तलब करते हुए सुनवाई आठ जुलाई की तारीख नियत कर दी।