कौमी आवाज, नेशनल हेराल्ड जैसे अखबारों के संपादक रहे जर्नलिस्ट जफर आग़ा की स्मृति में करेली के एम ऑक्सफोर्ड कालेजके प्रांगण में प्रगतिशील लेखक संघ, जनवादी लेखक संघ और जन संस्कृति मंच के साझा बैनर तले आयोजित की गई स्मृति सभा की अध्यक्षता जन संस्कृति मंच के पूर्व महासचिव और विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रणय कृष्ण और संचालन प्रलेस की सचिव संध्या नवोदिता ने की।ज़फ़र आग़ा को याद करते हुए प्रोफेसर अली अहमद फात्मी ने उनके साथ अपने स्कूल के दिनों को याद किया और कहा कि वह जितने अच्छे पत्रकार थे उतने ही बेहतर इंसान भी थे। इलाहाबाद छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष अभय अवस्थी ने इलाहाबाद के पत्रकारों की परंपरा को याद करते हुए कहा की जफर आगा को जब भी याद किया जाएगा तब इलाहाबाद की धरती के पत्रकारिता के चमकीले सूरज के रूप में देखे जाएंगे।शाहिद असकरी ने अपने बचपन के साथ बिताए दिनों को याद करके साथ-साथ उनकी तार्किक और भविष्यदृष्टि की चर्चा की। जनमत के संपादक के के पांडेय ने उनके कामों की चर्चा करते हुए कहा कि वह पत्रकारिता के आदर्श प्रतिमान की तरह उभरते हुए महान जर्नलिस्ट थे।उनकी रुखसती पत्रकारिता के बुरे दौर में धक्के के रूप में आई है।मुमताज ने उनहे सेकुलर और नागरिक अधिकारों पर सचेत मनुष्य और प्रतिबद्ध पत्रकार बताया।
प्रसिद्ध पत्रकार व ज़फ़र आग़ा के भाई कमर आगा ने कहा कि जफर इलाहाबाद में जो आजादी के आंदोलन के वैल्यू थे उन मूल्यों के भीतर से पैदा होते हैं। जफर पर 1415 मुकदमे थे। राजद्रोह का मुकदमा चला और इसमें उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली ।अनुग्रह नारायण सिंह ने उनके कामों की चर्चा की और कहा परवेज जी ने उन्हें भावुक तरीके से याद किया जफर आगा के पारिवारिक जनों में जैनब ने उन्हें अपने उस बुजुर्ग की तरह याद किया जो उनके जीवन में लाइटहाउस की तरह दिखते हैं। सुरेन्द्र राही ने उन्हें याद करते हुए बताया कि ऐसे लोग किसी भी संस्थान के लिए आंख, कान होते हैं।
स्मृति सभा की सदारत कर रहे प्रणय कृष्ण ने फिलस्तीन के कवि महमूद दरवेश के हवाले से उन्हें नाउम्मीदी में उम्मीद पैदा करने वाले इंसान के रुप में याद करते हुए कहा कि वह मुस्लिम समुदाय के सचेतक भी हैं। आधुनिकता के उनके मूल्य में नागरिक अधिकार, सेक्युलर होना सब शामिल है।
सभा में प्रो बसंत त्रिपाठी ,अविनाश मिश्र ,एडवोकेट सुलेमान , असगर नियाजी ,गायत्री गांगुली ,शिवानी ,शायर अनवर अब्बास , मुश्ताक क़ाज़मी ,ज़ुलक़रनैन आब्दी ,शाहिद अस्करी ,मक़सूद रिज़वी ,स्व ज़फ़र आग़ा के परिवार जनो समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। अंत में दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
Anveshi India Bureau