रेल सुरक्षा बल/उत्तर मध्य रेलवे में महानिरीक्षक अमिय नन्दन सिन्हा के दिशा-निर्देशन में चलाये जा रहे ऑपरेशन डिग्निटी अभियान के तहत दिनांक 27 अप्रैल को उप निरीक्षक असलम खान मय स्टाफ को स्टेशन एरिया गस्त के दौरान कैंट साइड सर्कुलेटिंग एरिया में गेट नं0 02 के पास एक व्यक्ति दिखाई दिया जो भिखारी प्रतीत हो रहा था। उससे पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह लगभग 02 साल पहले दिनांक 26 अप्रैल को अपने घर से एटीएम से पैसे निकालने के लिए निकला था और विधूना गया था, घर लौटते वक्त जब वह हरिचंदापुर में बस का इंतजार कर रहा था, उसी दौरान एक चार पहिया वाहन द्वारा उसे बेहोश कर ले गये, जब उसे होश आया तो वह एक अंधेरे बाथरूम में था ।
दो व्यक्तियों द्वारा उससे उसका एटीएम कार्ड तथा मोबाइल फोन ले लिया गया। वे व्यक्ति उसे गाड़ी से कंस्ट्रक्शन साइट पर अन्य व्यक्तियों के साथ ले जाते थे और सभी से लेबर का काम करवाते थे। वहां की भाषा भी उसे समझ में नहीं आती थी, शायद वह साउथ इंडिया में किसी जगह पर था। किसी तरह वह व्यक्ति कुछ दिन पहले वहां से छिप छिपा कर भाग निकला और कई दिनों तक पैदल चलकर और गाड़िया बदल-बदल कर दरभंगा पहुंचा और वहां से कानपुर आ गया। उक्त व्यक्ति ने अपना नाम महावीर सिंह बताया।
रेल सुरक्षा बल पोस्ट कानपुर द्वारा बताए गए मोबाइल नंबर पर उसके चचेरे भाई रवीन्द्र सिंह को सूचित किया गया। इसके बाद दिनांक 28 अप्रैल को गुमशुदा व्यक्ति के चचेरे भाई रविन्द्र सिंह, चाचा ब्रिजेश कुमार गुमशुदगी थाना विधूना जीडी प्रति, आधार कार्ड, लेकर पोस्ट पर आए। रेल सुरक्षा बल द्वारा उक्त गुम हुए व्यक्ति को उसके चचेरे भाई एवं चाचा को सुपुर्द किया गया। सुपुर्द किये गये व्यक्ति के परिजनों द्वारा रेल सुरक्षा बल का बहुत आभार व्यक्त किया गया।
Anveshi India Bureau