Wednesday, December 4, 2024
spot_img
HomePrayagrajPrayagraj : कैंसर पीड़ित सचिन प्रजापति 10 मिनट के लिए बना प्रयागराज...

Prayagraj : कैंसर पीड़ित सचिन प्रजापति 10 मिनट के लिए बना प्रयागराज का कमिश्नर, एनजीओ ने पूरा किया सपना

वह दस मिनट तक कमिश्रर की कुर्सी पर रहा और लोगों से बाचती करते हुए उनके सवालों के जवाब भी दिए। सचिन का उपचार एसआरएन अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. देव कुमार यादव, डॉ विवेक कुमार पांडेय और डॉ. विनय द्विवेदी, जूनियर रेसिडेंट रेडियो थैरेपी एवं टीम द्वारा इलाज किया जा रहा है। सचिन के पिता ने अमर उजाला के प्रति आभार जताया। कहा कि अमर उजाला की पहल पर ही उनके बेटे का इलाज एसआरएन में शुरू हो सका है।

प्रयागराज के कमिश्नर ने कैंसर पीड़ित सचिन प्रजापति को कमिश्नर का चार्ज देकर सम्मानित किया गया। अनिकेत स्माइल फाउंडेशन  के डॉ अखिलेश कुमार द्विवेदी और समाजसेविका निशा मिश्रा के प्रयास से सचिन का सपना पूरा हुआ। वह बड़ा होकर आईएएस बनना चाहता है। उसकी इच्छा को पूरी करने के लिए कमिश्नर ने उसे अपना चार्ज दिया। वह दस मिनट तक कमिश्रर की कुर्सी पर रहा और लोगों से बाचती करते हुए उनके सवालों के जवाब भी दिए। सचिन का उपचार एसआरएन अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. देव कुमार यादव, डॉ विवेक कुमार पांडेय और डॉ विनय द्विवेदी, जूनियर रेसिडेंट रेडियो थैरेपी एवं टीम द्वारा इलाज किया जा रहा है।

नामी-ग्रामी अस्पतालों ने खड़े किए थे हाथ, एसआरएन में भर्ती
धरा बारा का रहने वाला एक गरीब निर्धन परिवार 11 वर्षीय कैंसर पीड़ित सचिन प्रजापति को लेकर लंबे समय से दर-दर भटक रहा था। स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय में सर्जरी के बाद सचिन को लखनऊ रेफर कर दिया गया था। मगर नामी-ग्रामी अस्पतालों बच्चे को भर्ती करने से मना कर दिया। वहीं लंबी दौड़ के बाद मंगलवार दोपहर तीन बजे एक बार फिर सचिन को एसआरएन के कैंसर विभाग में भर्ती कर लिया गया है।

दरअसल बारा निवासी रामधनी प्रजापति के एक बेटी व दो बेटे हैं। जिसमें सचिन सबसे बड़ा बेटा है। वर्ष 2023 में पहली बार बच्चे में प्रोस्टेट कैंसर की पुष्टि हुई। जिसके बाद उसे एसआरएन अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग में लाया गया। जहां इस मामले को कैंसर सर्जरी विभाग में रेफर कर दिया गया। कैंसर सर्जन डॉ. राजुल अभिषेक ने बच्चे के ऑपरेशन की सलाह दी। मगर परिवारिक सहमति ने बन पाने के कारण सचिन घर पर ही रखकर इलाज शुरू कर दिया गया।

कुछ समय बाद जब समस्या गहराने लगी, तो उसे एक बार फिर एसआरएन अस्पताल में दिखाया गया। इस बीच सचिन को कमला नेहरू मेमोरियल में भी दिखाया गया, जहां सचिन के पेशाब नली को नली डालकर पेट से निकाला गया। मगर इससे कुछ ज्यादा लाभ नहीं मिला। आखिर में एक बार फिर सचिन को एसआरएन अस्पताल लाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसी सर्जरी को फिर से किया। इसके बाद बच्चे को लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया।

इस बीच सचिन के पिता की नौकरी चली गई और छोटी सी जमीन भी बिक गई। घर में दो वक्त खाने के लाले पड़ने लगे। वही लखनऊ के कुछ अस्पतालों बच्चे को भर्ती करने से मना कर दिया, तो कुछ ने इलाज का इतना खर्च बता दिया कि परिजन उसे वापस एसआरएन ले आए। वहीं कुछ दिन चक्कर लगाने के बाद बच्चे को एसआरएन के कैंसर विभाग में भर्ती कर लिया गया।

Courtsy amarujala.com
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments