Wednesday, October 23, 2024
spot_img
HomePrayagrajरानी रेवती देवी में बौद्ध के जीवन दर्शन पर कार्यशाला संपन्न

रानी रेवती देवी में बौद्ध के जीवन दर्शन पर कार्यशाला संपन्न

प्रयागराज। बौद्ध धर्म ने सामाजिक समरसता को प्रोत्साहित किया और यह सिद्ध किया कि सभी मनुष्य एक समान हैं और उन्हें उचित सम्मान और अवसर प्राप्त होने चाहिए। भारतीय संस्कृति में बौद्ध धर्म का विशेष स्थान रहा है।बुद्ध के संदेश भारतीय जनों के जीवन स्तर में सुधार लाने में सहायक हुए हैं किन्तु बदलते समय के साथ लोगों की सोच और विचारों में भी बदलाव आते गए और बौद्ध धर्म के प्रति लोगों की रुचि कम होने लगी।ऐसी स्थिति में “बौद्ध धर्म” भारत में विलुप्त होने लगा।बौद्ध धर्म कला संस्कृति को पुनर्विकसित करने के उद्देश्य से “एकता” संस्था द्वारा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से “भारतीय संस्कृति में बौद्ध धर्म का महत्व” विषयक तीन दिवसीय कार्यशाला राजापुर स्थित रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज, राजापुर के नवनिर्मित हाल में आयोजित की गई।

इसमें नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने बौद्ध धर्म के महत्व को समझा,सीखा।प्रशिक्षक के रूप में दीपक मौर्य ने बताया कि भारतीय संस्कृति पर बौद्ध धर्म का प्रभाव व्यापक और गहन रहा है।बौद्ध धर्म के आगमन के समय से ही भारतीय समाज में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन आये और बौद्ध धर्म के सिद्धांतों और उपायों का सार्वभौमिक प्रभाव पड़ा।उन्होंने बताया कि बौद्ध धर्म के द्वारा ध्यान और मनन को नियंत्रित किया जा सकता है और इसके माध्यम से मन की शांति और शारीरिक स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सकता है।

कार्यशाला विशेषज्ञ डॉ ए. के.निषाद ने बताया कि बौद्ध धर्म में अहिंसा का महत्वाकांक्षी सिद्धांत है।यह विचार भारतीय समाज में शांति और समृद्धि की भावना को प्रोत्साहित करता है और हिंसा के खिलाफ विचार को बढ़ावा देता है।इसके अलावा बौद्ध धर्म का साहित्य और सांस्कृतिक परंपरा में गणित,विज्ञान और तकनीकी ज्ञान का महत्वपूर्ण स्थान है।बौद्ध मठों ने शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया।

तीन दिन की कार्यशाला में अलग अलग विषय विशेषज्ञों द्वारा बौद्ध धर्म के महत्व को विस्तार से समझाया गया ।कार्यशाला में यह बताया गया कि बौद्ध धर्म ने भारतीय संस्कृति को एक समृद्ध और विशिष्ट धार्मिक ,आध्यात्मिक और सामाजिक विकास की दिशा में परिवर्तित किया।कार्यशाला में आये हुए प्रतिभागियों ने भारत में बौद्ध धर्म को पुनर्विकसित करने में अपना पूर्ण सहयोग देने का प्रण लिया।कार्यक्रम में बांके बिहारी पांडे ( प्रधानाचार्य), मनोज गुप्ता (संगीतकार), रतन दीक्षित ( अध्यक्ष “एकता”), जमील अहमद (महासचिव”एकता”), अश्विनी श्रीवास्तव, डॉ रश्मि शुक्ला, हसन नकवी ( वरिष्ठ समाजसेवी) भी मौजूद थे।

 

Anveshi India Bureau

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments