प्रयागराज l विद्या भारती से संबद्ध काशी प्रांत के रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज राजापुर, प्रयागराज के प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडे के मार्गदर्शन में भारतीय नव वर्ष के स्वागत में कवि सम्मेलन व पूर्व छात्र समागम श्रेष्ठ कवियों की रचनाओं से समृद्ध हुआ l कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नदीपुरुष समाज शेखर रहे जबकि अध्यक्षता पूर्व शासकीय अधिवक्ता हाई कोर्ट एवं विद्यालय के प्रबंधक शिवकुमार पाल ने एवं कवि सम्मेलन की अध्यक्षता जनकवि प्रकाश ने तथा कार्यक्रम का आयोजन पूर्व छात्र परिषद ने किया l
कवि सम्मेलन के प्रारंभ में समस्त कवियों का स्वागत स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्रम, एवं माल्यार्पण के द्वारा पूर्व छात्र परिषद और प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडे ने किया l तत्पश्चात सर्वप्रथम विद्यालय के पूर्व छात्र सुशांत राष्ट्रभक्त ने अपनी रचना “योनि मिले जो भी चाहे वह सिंह मिले या स्वान की हो, जब जब जन्म मिले धरती पर धरती हिंदुस्तान की हो” से कवि सम्मेलन में एक नया जोश भर दिया, उनके बाद विद्यालय के ही पूर्व छात्र आदर्श सिंह ने अपनी वीर रस की कविता “देश बांटने वालों का यदि लोकतंत्र से नाता है, हम हैं तानाशाह सही हमें देश प्रेम ही आता है” से रोमांचित किया, उसके बाद प्रतापगढ़ की प्रसिद्ध कवित्री प्रीति पांडे ने अपनी रचना देश के ऊपर मर मिटने वाले सैनिक को समर्पित करते हुए कही कि “मन की सरहद में घूम लेती हूं इन हवाओं में झूम लेती हूं, याद जब भी तुम्हारी आती है मैं तिरंगे को चूम लेती हूं” से भाव विभोर कर दिया, उनके बाद विद्यालय के आचार्य दिनेश शुक्ला ने अपनी रचना नववर्ष को समर्पित करते हुए कहा कि “गत को प्रणाम आगत वंदन” नव वर्ष आपका अभिनंदन” तत्पश्चात देश की जानी-मानी प्रसिद्ध कवित्री शांभवी सिंह ने अपनी रचना “बचपन के सुंदर आंगन पर अधिकार बट रहा हैं देखो, यूं धुआं उठ रहा है शायद परिवार बट रहा है देखो” सुनाकर सबको भाव विभोर कर दिया, उनके बाद डॉक्टर मृत्युंजय राव परमार ने अपनी रचना “हम जाग ना सके उम्र भर, और ऐसा भी नहीं कि हमें नींद आई हो” उनके बाद कवि सम्मेलन का संयोजन कर रहे विद्यालय के पूर्व छात्र एवं प्रसिद्ध कवि शिवम भगवती ने अपनी रचना “नदियों की हर धार से लड़ना आता है लाचारी की मार से लड़ना आता है, वह दुनिया में सबसे आगे होते हैं जिनको अपनी हार से लड़ना आता है” सुनाकर माहौल में जोश पैदा कर दिया उनकी पूरी कविता के दौरान लगातार तालियां बजती रही, कार्यक्रम के अंत में कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे जनकवि प्रकाश जी ने अपनी कई रचनाएं सुनाई जिनमें से “ऋषि मुनि ज्ञानी कवि कोविद पुकारे, गंगा जी के पानी में नहाए चांद तारे” से कवि सम्मेलन के मंच को समृद्ध किया l
कवि सम्मेलन में प्रमुख रूप से सुनील पांडे, निखिल गुप्ता, आयुष सिंह, आयुष प्रताप सिंह, अभिनव द्विवेदी, अभिनव शर्मा, मनोज मिश्रा सहित विद्यालय के समस्त अध्यापक ,अध्यापिकाएं एवं भारी संख्या में पूर्व छात्र -छात्राएं उपस्थित रहे l
कवि सम्मेलन का संचालन संयोजक एवं पूर्व छात्र शिवम भगवती ने किया l
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