अखिल भारतीय श्रीपंच तेरह भाई त्यागी अयोध्या के श्री श्री 1008 श्रीराम संतोष दास त्यागी महराज के नेतृत्व में बड़ी संख्या में संत, महात्मा और बड़ी संख्या में उनके शिष्य श्री विष्णु महायज्ञ संपन्न कराने के लिए आज झूंसी स्थित संकट मोचन हनुमान आश्रम ग्राम भदकार (नीवीकला), झूंसी, प्रयागराज पहुंचे, जहां बड़ी संख्या में शिष्यों और क्षेत्रीय लोगों ने संत, महात्माओं का आरती उतारकर पुष्प वर्षा के साथ भव्य स्वागत और अभिनन्दन किया।
श्री श्री 1008 श्रीराम संतोष दास त्यागी महराज ने कहा कि तीर्थराज प्रयागराज पावन तपोभूमि है। यह सनातन धर्म और आस्था का केन्द्र है। उन्होंने कहा कि भगवान ब्रह्मा ने प्रलय आने के बाद जब सृष्टि की रचना शुरू करने से पूर्व प्रयागराज के संगम तट पर सबसे पहले यज्ञ किया था। उस दौरान भगवान विष्णु अक्षय वट पर विराजमान थे । श्री श्री 1008 श्री राम संतोष दास त्यागी जी महाराज के सानिध्य में विशाल श्री विष्णु महायज्ञ संकट मोचन हनुमान आश्रम ग्राम भदकार (नीवीकला), झूंसी प्रयागराज में नौ मई से शुरू होकर 17 मई तक चलेगा।
स्वामी महंत गोपाल दास महाराज ने बताया कि प्रतिदिन सुबह सात बजे से पूर्वाह्न 11.30 बजे तक देव पूजन, हवन होगा। पूर्वाह्न 11बजे से दोपहर दो बजे तक रामलीला, दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक हवन, आरती होगी। सायं सात बजे से रात्रि 11.30 बजे तक रासलीला का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि विशाल श्री विष्णु महायज्ञ के पूर्व नौ मई को सुबह नौ बजे कार्यक्रम स्थल से विशाल कलश यात्रा निकलेगी जिसमें बड़ी संख्या में क्षेत्रीय लोग, महिलाएं कलश के साथ और बड़ी संख्या में श्रद्धालु, शिष्य शामिल होंगे। स्वामी गोपाल महराज ने बताया कि विशाल संत समागम , पूर्णाहुति , विशाल भण्डारा और संतों की विदाई 17 मई दिन शुक्रवार को होगा। कार्यक्रम में महंत तुलसीदास त्यागी महाराज, महंत बालकदास महराज सहित बड़ी संख्या में संत, महात्मा विशाल श्री विष्णु महायज्ञ में शामिल होंगे।
महामंडलेश्वर स्वामी रामसंतोष दास 22 प्रदेशों में करा चुके हैं पांच हजार विशाल महा यज्ञ
प्रयागराज। अखिल भारतीय श्रीपंच तेरह भाई त्यागी अयोध्या के श्री श्री 1008 श्रीराम संतोष दास त्यागी महराज के नेतृत्व में देश के 22 प्रदेशों में सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार, विश्व कल्याण और लोगों की उन्नति के लिए पांच हजार से अधिक महायज्ञ संपन्न करा चुके हैं। इस दौरान महामंडलेश्वर के साथ बड़ी संख्या में संत, महात्मा और उनके शिष्य शामिल होते हैं।महामंडलेश्वर स्वामी रामसंतोष दास महराज को सनातन धर्म का प्रचार – प्रचार-प्रसार करने, महायज्ञ कराना, विशाल अन्नक्षेत्र संचालित करना और गौ सेवा बहुत अधिक प्रिय है। स्वामी गोपाल महराज ने बताया कि अभी तक पूज्य गुरुदेव ने यूपी, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, हिमांचल प्रदेश, गुज़रात, महाराष्ट्र, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, असम, सिक्किम, कर्नाटका, आन्ध्र प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों में विशाल यज्ञ, भण्डारा सकुशल संपन्न करा चुके है।
65 वर्ष से प्रतिदिन 108 बेलपत्र पर लिखते हैं जयश्री राम
प्रयागराज। अखिल भारतीय श्रीपंच तेरह भाई त्यागी अयोध्या के श्री श्री 1008 श्रीराम संतोष दास त्यागी महराज की उम्र 76 वर्ष है। वह 65 वर्ष से प्रतिदिन 108 बेलपत्र पर जय श्रीराम लिखकर पास के नदी में प्रवाहित करते हैं। महामंडलेश्वर स्वामी रामसंतोष दास महराज का कहना है कि इससे जहां मनोकामनाएं पूर्ण होती है वहीं विश्व कल्याण और लोगों का मंगल होता है। उन्होंने बताया कि भगवान विष्णु को भगवान शिव और भगवान शिव को भगवान विष्णु बहुत प्रिय है। बेलपत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय है अगर बेलपत्र पर भगवान श्रीराम का नाम लिखा जाता है तो भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों प्रसन्न होते हैं इससे जहां लोगों का कष्ट , परेशानियां खत्म होती है वहीं लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है और उनका मंगल होता है।
Anveshi India Bureau