श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर इस बार अद्भुद संयोग मिल रहा है। यह योग द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के दौरान बने योग से काफी मिल रहे हैं। संगमनगरी में जन्माष्टमी की चारों तरफ धूम है। प्रतापगढ़ के मनगढ़ स्थित भक्तिधाम मंदिर से लेकर प्रयागराज में इस्कॉन मंदिर, रूप गौड़ीय मठ सहित विभिन्न मंदिरों में आकर्षक झांकियां सजाई गई हैं।
इस बार कृष्ण जन्माष्टमी पर द्वापर जैसा योग है। रोहिणी नक्षत्र में सर्वार्थ सिद्धियोग के बीच भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव होगा। सोमवार की सुबह 3:40 बजे से लेकर मंगलवार की रात 2:20 बजे तक अष्टमी है।जन्माष्टमी पर चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे। ऐसा ही संयोग भगवान कृष्ण के जन्म के समय भी बना था।
अष्टमी तिथि सोमवार की भोर में 3:41 बजे लग जाएगी। 27 अगस्त की रात 2:22 तक अष्टमी है। इस बार जन्माष्टमी पर्व पर सर्वार्थ सिद्धि योगबन रहा है। चंद्रमा अपनी उच्च राशि में रहकर गुरु तथा मंगल के साथ गज केसरी योग और महालक्ष्मी योग बना रहे हैं।