लेखक नीरेन भट्ट ने अपने द्वारा लिखे गए ‘स्त्री 2’, ‘भेड़िया’ और ‘मुंजा’ के किरदार को लेकर अपनी राय साझा की है। उन्होंने ‘स्त्री 2’ के किरदार सरकटा को पितृसत्ता का प्रतीक बताया है।
इन दिनों हिंदी सिनेमा में श्रद्धा कपूर और राजकुमार राव की फिल्म ‘स्त्री 2’ के नाम का डंका बजा हुआ है। फिल्म ने रिलीज होने के चंद दिनों बाद ही सफलता का परचम लहरा दिया। यह हॉरर कॉमेडी फिल्म पितृसत्ता पर रोचक ढंग से बात कहती है। इस फिल्म के लेखक नीरेन भट्ट का कहना है कि सरकटे का किरदार पितृसत्ता की सभी गलत बातों का प्रतीक है। बता दें कि सरकटा का रोल सुनील कुमार ने अदा किया है, जो पुलिस कॉन्सटेबल के साथ-साथ एक पहलवान भी हैं।
हमारी फिल्मों के सभी भूत समाज की भ्रांतियां हैं
नीरेन भट्ट ने दिनेश विजान के हॉरर कॉमेडी यूनिवर्स की ‘भेड़िया’ और ‘मुंजा’ फिल्म की कहानी भी लिखी है। पीटीआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इन हॉरर कॉमेडी फिल्मों के काल्पनिक किरदार समाज की भ्रांतियों को पेश करते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि इन फिल्मों में असली भूत लोगों को नहीं डराते और इनमें कॉमेडी ज्यादा है। इस पर नीरेन ने कहा कि इन फिल्मों के सभी भूत समाज की भ्रांतियां हैं।
पॉप कल्चर के संदर्भ का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं नीरेन
नीरेन भट् कहते हैं कि उन्हें अपनी फिल्मों में पॉप कल्चर के संदर्भ का इस्तेमाल करना काफी पसंद है। उन्होंने ‘स्त्री 2’ में भी हैरी पॉटर, स्टार वार्स, मिशन इम्पॉसिबल, एवेंजर्स और किंग आर्थर के संदर्भ अलग-अलग सीन में पेश किए हैं। इसी तरह ‘भेड़िया’ फिल्म में भी टीवी शो ‘साथ निभाना साथिया’ के डायलॉग पर बने मीम ‘रसोड़े में कौन था’ का संदर्भ था। नीरेन का कहना है कि ऐसे संदर्भ लोगों को हंसाने का काम करते हैं।
Courtsy amarujala.com