यह आदेश जिला जज संतोष राय की अदालत ने याची अधिवक्ता राकेश नाथ पांडेय की पुनरीक्षण याचिका डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि को सुन कर दिया। याची अधिवक्ता राकेश नाथ पांडेय ने अपनी याचिका के जरिए इलाहाबाद के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के आदेश को चुनौती दी थी।
इलाहाबाद की जिला अदालत ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक, पुलिस आयुक्त प्रयागराज, जिला अदालत के सभी न्यायिक मजिस्ट्रेट समेत प्रयागराज जिले से सभी थाना प्रभारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग वाली अर्जी पर जवाब तलब के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी है।
यह आदेश जिला जज संतोष राय की अदालत ने याची अधिवक्ता राकेश नाथ पांडेय की पुनरीक्षण याचिका डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि को सुन कर दिया। याची अधिवक्ता राकेश नाथ पांडेय ने अपनी याचिका के जरिए इलाहाबाद के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के आदेश को चुनौती दी थी। मजिस्ट्रेट की अदालत ने याची अधिवक्ता की 156 (3) सीआरपीसी की उस अर्जी पर उसे नोटिस जारी किया था, जिसमे याची ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक, प्रयागराज के पुलिस आयुक्त, सभी थानाध्यक्ष, जिला अदालत में तैनात सभी न्यायिक मजिस्ट्रेट समेत कई उच्चाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की थी।
मजिस्ट्रेट की अदालत ने एक अप्रैल 2024 को पारित अपने आदेश में याची द्वारा एफआईआर दर्ज कराने की मांग को कामकाज में बाधा पहुंचने वाली करार दिया था। साथ ही याची अधिवक्ता के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही और बार काउंसिल को मामला संदर्भित करने की संस्तुति करने से पहले याची को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था।
इस आदेश के खिलाफ याची अधिवक्ता ने जिला जज की अदालत में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की थी। डीजीसी गुलाब चंद्र अग्रहरि ने दलील दी कि न्यायिक मजिस्ट्रेट का आदेश पुनरीक्षण याचिका के तौर पर पोषणीय नही हैं। कोर्ट ने याचिका प्रारंभिक स्तर पर ही खारिज कर दी।
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