उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (यूपीईएसएससी) नई गाइडलाइन के अनुरूप परीक्षा कराने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए अध्यक्ष के सामने प्रस्ताव रख दिया गया है। अध्यक्ष से भी हरी झंडी मिल गई है कि जितनी भर्ती परीक्षाएं हैं, सभी शासन की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुरूप कराई जाएंगी। हालांकि, तैयारियों में थोड़ा वक्त लग सकता है। ऐसे में अभ्यर्थियों को लंबित परीक्षाओं के लिए इंतजार करना होगा।
भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता के लिए शासन की ओर से पिछले दिनों गाइडलाइन जारी की गई थी। इसके तहत सभी परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरों की अनिवार्यता, सीधी निगरानी के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना, पांच लाख से अधिक परीक्षार्थियों होने पर कई पालियों में परीक्षा कराए जाने, एक ही परीक्षा के प्रश्न पत्र अलग-अलग प्रिंटिंग प्रेसों में छपवाने सहित कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए थे।
आयोग की नवनियुक्त अध्यक्ष प्रो.कीर्ति पांडेय के कार्यभार ग्रहण करने के बाद पहली बैठक के एजेंडे में इसे शामिल किया गया। अध्यक्ष के समक्ष नई गाइडलाइन के अनुरूप परीक्षा कराने का भी प्रस्ताव रखा गया। आयोग के सूत्रों के अनुसार अध्यक्ष ने प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। उन्होंने स्पष्ट भी कर दिया है कि आयोग की आगामी सभी परीक्षाएं नई गाइडलाइन के अनुरूप ही कराई जाएंगी।
आयोग की दो प्रमुख भर्ती परीक्षाएं दो साल से लंबित पड़ी हैं, जिनमें अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों और टीजीटी/पीजीटी के 4163 पदों पर भर्ती शामिल है। ये दोनों भर्तियां भी नई गाइडलाइन के अनुरूप ही कराई जाएंगी। आयोग के सूत्रों का कहना है कि नई गाइडलाइन के अनुरूप परीक्षा कराने के लिए एजेंसी का चयन और बाकी व्यवस्थाएं करनी होगी, जिसमें थोड़ा वक्त लग सकता है। तैयारी पूरी होने के बाद ही लंबित परीक्षाएं कराई जाएंगी।
आयोग को इस हफ्ते मिल सकते हैं नए परीक्षा नियंत्रक