पत्र और पत्रकारिता की दिशा में नए कलेवर और नए स्वरूप के साथ कदम दर कदम चलता हुआ शहर समता समाचार पत्र आज 24वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है।
इस अवसर पर ‘स्थापना दिवस विशेषांक का लोकार्पण, सम्मान समारोह एवं कवि-सम्मेलन का आयोजन किया गया। स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता श्री प्रकाश मिश्र तथा मुख्य अतिथि डाॅ० कल्पना वर्मा, विशिष्ट अतिथि डॉ० राम जी मिश्र एवं प्रो० सविता श्रीवास्तव रहे।समारोह का संचालन प्रो० रवि मिश्र ने तथा संपादकीय वाचन उमेश श्रीवास्तव ने किया। माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्जवलन के बाद माँ वाणी की वंदना रचना सक्सेना और मिली श्रीवास्तव ने किया।
इसके बाद साहित्यकार एवं कवियत्री सीमा वर्णिका, कानपुर, स्मृति मिश्र, जगदलपुर, डॉ० आकाँक्षा पाल, प्रवीणा त्रिवेदी प्रज्ञा, शोभा त्रिपाठी, श्रीमति मेघना पाण्डेय एवं श्रद्धा कश्यप को अंग वस्त्रम, स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति-पत्र ‘शहर समता दीप साहित्य’ सम्मान सम्मानित किया गया।
रामजी मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि पत्रकारिता जन कल्याण के लिए होती है। उन्होंने इसे सत्यनारायण की कथा से जोड़ा। अंग्रेजों के तोप के मुकाबले अखबार आए। आजादी के बाद देश के विकास के लिए पत्रकारिता हुई।
डॉक्टर कल्पना वर्मा ने कहा कि मंच में पहली कविता मैंने शहर समता के मंच में पढ़ी।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि तेईस साल के लंबे काल तक शहर समता से सबको जोड़ने के लिए बधाई। सभी के जीवन में बायोग्राफी की तरह एक रचना होती है। इस सत्र का संचालन प्रोफेसर रवि मिश्र ने किया।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में काव्य पाठ का दौर चला इसमें काव्य पाठ करने वालों में डाक्टर प्रदीप चित्रांशी, केशव प्रकाश सक्सेना, पंडित राकेश मालवीय मुस्कान, मंजू प्रकाश, संजय सक्सेना, शिव प्रताप श्रीवास्तव, देवी प्रसाद पाण्डेय, डाक्टर आकांक्षा पाल, प्रोफेसर रवि मिश्र, डाक्टर विमला व्यास, कविता उपाध्याय, शाहीन खुशबू, प्रभंजन त्रिपाठी, सीमा वर्णिका, निखिलेश मालवीय, ऋजु पाण्डेय आदि रहे। इसका संचालन रचना सक्सेना ने किया। इस अवसर पर अरविंद पाण्डेय, लोकरंजन प्रकाशन के प्रमुख रंजन पांडेय शामिल रही है।
Anveshi India Bureau