उम्मीद जताई जा रही है यात्रियों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सभी गाड़ियों में कवच सुरक्षा प्रणाली के लिए बजट में प्रावधान किया जाए। इसके अलावा रेलवे आवासों की समुचित मरम्मत के लिए बजट में पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराने की भी बात कही जा रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को संसद में अपने कार्यकाल का लगातार सातवां बजट पेश करेंगी। यह पूर्ण बजट होगा। इससे पहले बीते एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया गया था। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के इस पहले आम बजट से रेलकर्मियों को ढेरों उम्मीदें हैं। लंबे समय से रेलवे की मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त यूनियन की एक प्रमुख मांग पुरानी पेंशन की बहाली है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत न मिलने की एक वजह सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी बताई जा रही है। रेलकर्मियों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री न्यू पेंशन स्कीम निरस्त किए जाने का एलान कर सकती हैं।
यात्रियों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सभी गाड़ियों में कवच सुरक्षा प्रणाली के लिए बजट में प्रावधान किया जाए। इसके अलावा रेलवे आवासों की समुचित मरम्मत के लिए बजट में पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराने की भी बात कही जा रही है।
यात्री ट्रेनों में यात्रियों की बढ़ती को देख स्लीपर कोच की संख्या को बढ़ाने और साथ में डबल डेकर कोच वाले रेक बनाने के लिए बजट में अलग से धनराशि आवंटन की उम्मीद रेलकर्मी लगा रहे हैं। आम रेल बजट रेलवे कर्मचारियों को इनकम टैक्स में सात लाख तक की छूट दी जाने की भी उम्मीद जताई जा रही है। इसके अलावा लोको पायलट के अन्य भत्ते की तरह ही किलो मीटर का अलाउंस बढ़ाने की बात यूनियन नेताओं ने की है। रेलकर्मियों की मांग है कि आठवें वेतन आयोग का गठन हो और सेना की तर्ज पर रेल कर्मचारियों के माता–पिता को भी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
आम बजट में रेलकर्मियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाए। साथ ही इनकम टैक्स में सात लाख तक की छूट दी जाए। आठवें वेतन आयोग का गठन भी सरकार करे। – आरपी सिंह, महामंत्री ,नार्थ सेंट्रल रेलवे इंपलाइज संघ
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