भारतीय रेलवे रेलपथ मशीन प्रशिक्षण केन्द्र में संस्थान के 40वे स्थापना दिवस समारोह का भव्य आयोजन हुआ।
इस अवसर पर प्रमुख मुख्य अभियंता (उ. म. रे.) ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में आज के परिदृश्य में ट्रैक के रख-रखाव हेतु मशीनों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बढ़ते हुए यातायात और गाड़ियों की बढ़ती हुई गति हेतु ट्रैक मशीनों का कोई विकल्प नही है। उन्होंने तीस वर्ष पहले और वर्तमान परिस्थिति में सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए बदलती हुई अवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा शीघ्र ही 160kmph की ट्रेन गति प्राप्त करने के लिये ये आयातित मॉडर्न मशीनें ही ट्रैक की गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए महत्त्वपूर्ण है।
इस अवसर पर संजय अस्थाना प्रधानाचार्य ने प्रशिक्षण केंद्र के 40 वर्षों की यात्रा से अतिथियों को अवगत कराते हुए कहा कि 1965 में आयातित पहली ट्रैक मशीन जिये मतिसा कहते थे, से आज डायनामिक टैम्पिंग एक्सप्रेस जो एक घंटे में 1.6 किमी ट्रैक की टैम्पिंग करती है, तक पहुँच गयी है और आज भारतीय रेलवे के ट्रैक रख-रखाव हेतु 1667 मशीनें पूरे देश मे कार्य कर रही हैं। अगले तीन वर्षों में 30MT की धुलाई योजना के परिपेक्ष्य में कुल 3298 मशीनों को ट्रैक रख-रखाव के लिए प्रयुक्त होने की योजना है। यह प्रशिक्षण केंद्र विश्व के तीन और एशिया तथा भारत वर्ष का एकमात्र केंद्र है जहाँ देश के कोने कोने से अभियंता प्रशिक्षण लेने आते हैं। इस परिदृश्य में इस प्रशिक्षण केंद्र की उपयोगिता तीव्र गति से बढ़ रही है। विगत वर्ष में क्षमता से ज्यादा लगभग 136% प्रशिक्षु सभी 16 जोनल रेलवे से प्रयागराज आये जो कि सर्व-कालिक सर्वाधिक संख्या है। वर्तमान में 260 की प्रशिक्षु संख्या को 400 और बढ़ाते हुए नए छात्रावास की योजना रेलवे बोर्ड में प्रस्तावित है।
इस अवसर पर आए हुए मुख्यालय के इंजीनियरिंग विभाग के सभी विभागाध्यक्ष उपस्थित थे। मुख्य अभियंता ट्रैक मशीन श्री गौरव वर्मा ने संस्थान में किये जा रहे कार्यों पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर देश के कोने कोने से आये प्रशिक्षुण ने एक भव्य रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया तथा देश की विविधतापूर्ण जीवनशैली एवं संस्कार का चित्रण करते हुए मलयालम, तमिल, तेलुगु, उड़िया, मराठी एवं बंगला गीतों और लोक संगीतों से उपस्थित जनसमूह को मंत्र-मुग्ध कर दिया। इस अवसर पर केंद्र के प्रशिक्षुओं ने डॉ इंद्रभान हिमालया के नेतृत्व में अनोखी योग क्रिया की प्रस्तुति की जिसकी दर्शकों एवं उपस्थित अतिथियों ने सराहना की।
इस प्रशिक्षण केंद्र को देश के नव-आगंतुक अभियंताओं को उच्च तकनीक युक्त ट्रैक मशीनों के प्रशिक्षण उपरांत ट्रैक मशीन इंजीनियर के रूप में देश के विभिन्न भागों के रेलवे में रेलपथ की रख-रखाव करने वाली मशीनों के संचालन हेतु विभिन्न पदों पर नियुक्ति की जाती है। प्रस्तुत कार्यक्रम व भविष्य योजनाओं और उपयोगिताओं पर नव-प्रशिक्षुओं ने अपने विचार भी व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन श्री अंकु आदर्श, मुख्य अनुदेशक ने अतिथियों के स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापन सहित बहुत ही मोहक प्रस्तुति देते हुए किया। इस अवसर पर प्रमुख मुख्य अभियंता महोदय ने रेलपथ मशीन पत्रिका का विमोचन भी किया। इस नव-पत्रिका विशेषांक रेलपथ मशीनों की डिजिटल मॉनिटरिंग (TMMS) एवं यूजर डिपो मॉड्यूल का रेलवे के इन्वेंटरी कण्ट्रोल में उपयोगिता पर केंद्रित है जिसे सभी आगंतुक सहित उत्तर मध्य रेलवे के अभियंताओं ने बहुत उपयोगी और उत्कृष्ट बताया।
कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षुओं ने केंद्र की डॉक्यूमेंट्री अजय पटेल की दिशा निर्देश में बनाई एवं प्रस्तुत किया। रेलवे द्वारा प्रदत्त इस प्रशिक्षण केंद्र के प्रयागराज में होने का हम सभी को गर्व है जो राष्ट्र के लिए कुशल अभियंताओं को और कुशल बनाते हैं।
40 वर्षो पहले डाली हुई नींव की मजबूती दिन प्रतिदिन और मजबूत करने की मंशा इस प्रशिक्षण केंद्र को एक अद्वितीय प्रशिक्षण केंद्र बनाती है एवं राष्ट्र के आवागमन की तस्वीर बदलने की रेलवे के संकल्प को उजागर करती है।
Anveshi India Bureau