*प्रयागराज।* नगर की सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था “आस्था समिति” द्वारा मतदाता जागरूकता अभियान के तहत “कैसे दूर करें मतदाताओं की उदासीनता” शीर्षक से संगोष्ठी का आयोजन रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज, राजापुर प्रयागराज में किया गया।
संगोष्ठी में लगातार घटती मतदाताओं की संख्या पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए राष्ट्रहित में अधिक से अधिक संख्या में मतदाताओं को घरों से निकल कर मतदान करने की अपील करने के साथ साथ मतदाताओं की मतदान के प्रति उदासीनता के कारणों पर भी चर्चा की गई। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व शासकीय अधिवक्ता शिवकुमार पाल ने कहा कि आज का मतदाता बहुत जागरूक हो गया है। वह यह आकलन करने लगा है इसके पूर्व उसने जिस नेता को अपना वोट दिया था उस नेता ने क्षेत्र के विकास के लिए क्या किया। मेरी समझ से मतदान का प्रतिशत घटने का एक कारण यह भी हो सकता है। फिर भी देश में एक स्थिर सरकार बनाने के लिए अपील करता हूं कि मतदाता जागरूक बनें पर आलसी न बनें। अपने मताधिकार का उपयोग ज़रूर करें। मुख्य वक्ता के रूप में ग्लोबल ग्रीस के अध्यक्ष तथा भारत सरकार की अटल भूजल योजना का देश में प्रतिनिधित्व कर रहे संजय पुरुषार्थी ने कहा कि मतदाता तो राष्ट्रहित की खातिर चिलचिलाती धूप में घंटों लाइन में खड़े होकर पूरी ईमानदारी से अपने क्षेत्र के नेता पर पूर्ण विश्वास करके वोट देता है लेकिन चुनाव बाद में बिजली पानी की समस्याओं से जूझना और इसका विरोध करने पर कोई सुनवाई न होना उसके लिए कष्टदायक होता है। शायद यही कष्ट उसको मतदान करने से रोकता है। राष्ट्रहित में हमारा भी यही प्रयास है कि अधिक से अधिक मतदान हो साथ ही इस ओर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे विद्यालय के प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडे ने कहा कि प्रयागराज बुद्धिजीवियों का शहर होने के बाद भी मतदान के मामले में फिसड्डी क्यों होता जा रहा है। हर कोई मतदान प्रतिशत बढ़ाने की बात करता है, लोकतांत्रिक देश के नागरिक होने के नाते हमको भी अपने राष्ट्र के विकास की चिंता है और हम मजबूत राष्ट्र निर्माण के लिए चाहते हैं कि हमारे देश के हर क्षेत्र में शत प्रतिशत मतदान हो।इसका दूसरा पहलू यह भी है कि मतदाता से केवल अपील कर सकते हैं उनपर किसी प्रकार का दबाव बना कर वोट नहीं डलवा सकते। बल्कि मतदान प्रतिशत कम होने के कारण तलाशने चाहिए।कारण बहुत है।nजरूरत है बुद्धिजीवी,राजनेता,और प्रशासन एक साथ बैठकर मंथन करें,जो निष्कर्ष निकले उसपर गंभीरता से कार्य किया जाना चाहिए।ऐसा करने से निश्चित ही मतदान का प्रतिशत बढ़ सकता है।
“आस्था समिति” के अध्यक्ष बृजराज तिवारी ने कहा कि निरंतर घटता मतदान प्रतिशत चिंता का विषय तो है और राष्ट्रहित में मतदान प्रतिशत बढ़ाने में हम सबका सहयोग भी नितांत ज़रूरी भी है।साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि उतना ज़रूरी यह भी है कि मतदान के प्रति लोगों के कम होते रुझान का कारण भी जाना जाए।विशेष रूप से युवा मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करने में दिलचस्पी क्यों नहीं ले रहा है। संस्था के महासचिव मनोज गुप्ता ने कहा कि मतदाताओं को अपने देश के भविष्य की चिंता तो है पर हमारे नेतागणों पर अपने युवा मतदाताओं के भविष्य की चिंता नहीं है। युवा अपनी समस्याओं से जूझ रहा होता है और जिनको उन्होंने वोट दिया चुनाव बाद वही पहचानने से भी इंकार कर देते हैं।नेताओं की कार्यशैली को बदलने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
वरिष्ठ संस्कृति कर्मी जमील अहमद ने कहा कि पोलिंग बूथ को रंगबिरंगे गुब्बारों और झालरों से सजा लेने से बच्चों को तो आकर्षित किया जा सकता है लेकिन जागरूक मतदाताओं को नहीं रिझाया जा सकता। बेहतर यह होगा कि ज़िला प्रशासन मतदाताओं की बुनियादी समस्याओं के निराकरण के लिए सभी उम्मीदवार नेताओं के लिए जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करे। मतदाता बूथ पहुंचने से पहले ही घर से निर्णय कर के निकलता है कि किसको वोट देना है।मतदाता तो अपने मताधिकार का उपयोग ईमानदारी से करता है लेकिन जिस पर वह विश्वास जताता है वह ही ईमानदारी से अपने वायदों ,कर्तव्यों का पालन नहीं करते। इन सबके बावजूद मैं अपने जागरूक मतदाताओं से यही कहूंगा आपका एक एक मत देश के लिए अमूल्य है जो देश की दिशा और दशा बदल सकता है।इसलिए एक सुंदर राष्ट्र निर्माण के लिए अपने मताधिकार का उपयोग अवश्य करें।
इसके अलावा गोष्ठी में अनूप गुप्ता ( उपाध्यक्ष “आस्था समिति”),उमा दीक्षित,रवि शंकर,जय किशन, रमेश चंद मिश्रा, आनंद कुमार सिंह, सत्य प्रकाश पांडे, कामाख्या प्रसाद दुबे, जटाशंकर तिवारी, कपिल देव सिंह, प्रवीण तिवारी, कुंदन सिंह, पायल जयसवाल, लक्ष्मी सिंह, अर्चना राय सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे l गोष्ठी में आए हुए अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम का संचालन “आस्था समिति” के महासचिव मनोज गुप्ता ने किया l
Anveshi India Bureau