गाजीपुर से सपा सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने अफजाल अंसारी की सजा रद्द कर दी है। सांसदी पर खतरा टल गया है। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार व कृष्णानंद राय के बेटे की सजा बढ़ाने की अपील खारिज कर दी है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर से सपा सांसद अफजाल अंसारी की गैंगस्टर मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट से मिली चार साल की सजा रद्द कर दी है। इसके साथ उनकी सांसदी जाने का खतरा फिलहाल टल गया है। हाईकोर्ट ने 17 तारीखों पर सुनवाई के बाद चार जुलाई को फैसला सुरक्षित कर लिया था। इस फैसले से सकते में आई प्रदेश सरकार अब सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।
अफजाल अंसारी की ओर से सजा रद्द करने और यूपी सरकार व भाजपा के दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय की ओर से दाखिल सजा बढ़ाने की अर्जियों की एकसाथ सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की अदालत ने 18वीं तारीख पर सोमवार दोपहर फैसला दिया। कोर्ट ने चार साल की कैद और एक लाख जुर्माने की सजा रद्द करते हुए सरकार और कृष्णानंद राय के बेटे की अपील खारिज कर दी।
2007 में लगा था गैंगस्टर
भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड को लेकर गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में 2007 में अफजाल अंसारी, मुख्तार अंसारी और उनके बहनोई के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया था। गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने 29 अप्रैल 2023 को अफजाल अंसारी को दोषी ठहराते हुए चार साल की कैद और एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई थी।
इसके खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे अफजाल को फौरी जमानत तो मिली, लेकिन सजा पर रोक नहीं लगाई गई। इससे उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने अफजाल की सजा पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट में लंबित अपील को 30 जून-24 तक निस्तारित करने का आदेश दिया।
इस बीच, प्रदेश सरकार और कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने सजा बढ़ाने को अर्जी दाखिल की। कोर्ट सभी मामलों की सुनवाई एकसाथ की। इस बीच, आए लोकसभा चुनाव के दौरान कई बार उहापोह भी उपजा। सजा बहाली पर नामांकन रद्द होने के भय से अफजाल ने अपनी बेटी नुसरत का भी नामांकन कराया था। हालांकि, बाद में वही चुनाव लड़े और जीते भी।