प्रयागराज। स्पीच थेरेपी विशेषज्ञ मो आरिफ खां ने कहा कि बच्चों का जन्म से हकलाना, तुतलाना अब समस्या नहीं रह गयी है बल्कि अभिभावक अगर प्रतिदिन अपने ऐसे बच्चों के साथ कम से कम दो घण्टे शब्दों का अभ्यास कराएं तो बच्चों का हकलाना और तुतलाना बंद हो सकता है। ऐसे बच्चे भी सामान्य बच्चों की तरह बोल सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चे दिव्यांग मूक बधिर आटिज्म हाइपर एक्टिव वाले होते हैं जिसका समय से ध्यान नही दिया गया तो आगे बोलने में समस्या हो सकती हैं
स्पीच थेरेपी विशेषज्ञ मो आरिफ खां ने कहा कि सिर्फ कुछ शब्द ऐसे होते हैं जिनको बोलने में बच्चे हकलाते और तुतलाते है जिससे वह हीन भावना महसूस करते हैं और जिंदगी में आगे नहीं बढ़ पाते हैं। स्पीच थेरेपी विशेषज्ञ मो आरिफ खां ने बताया कि उनके पिता स्पीच विशेषज्ञ मोसिम अली थे। वह करीब 60 वर्ष तक स्पीच थेरेपी से पांच हजार से अधिक बच्चों का हकलाना, तुतलाना दूर किया था। उन्होंने बताया कि पिता के साथ रहकर 30 वर्ष से अधिक समय से बच्चों का हकलाना, तुतलाना स्पीच थेरेपी से दूर कर रहा हूं। उन्होंने बताया कि प्रयागराज, लखनऊ, आगरा, मथुरा,मेरठ, फिरोजाबाद, हाथरस, वाराणसी, आजमगढ़, जौनपुर, प्रतापगढ़ सहित अन्य जिलों में स्पीच थेरेपी से अभी तक तीन हजार बच्चों का हकलाना, तुतलाना दूर किया हूं। उन्होंने बताया कि अभी हफ्ते में तीन दिन झूंसी में और तीन दिन प्रतापगढ़ में बैठ रहा हूं। अगर किसी के परिवार में हकलाने और तुतलाने *दिव्यांग मूक बधिर वाला बच्चा है तो मोबाइल नंबर -9412173536 पर संपर्क कर सकते हैं और उनकी समस्या का *समाधान हो सकता हैं
स्पीच थेरेपी विशेषज्ञ मो आरिफ खां ने बताया कि हकलाना और तुतलाना आपरेशन और कोई दवा से दूर नहीं होगा ऐसे में अभिभावक बच्चों का आपरेशन के बजाय स्पीच थेरेपी से अभ्यास कराकर उनकी समस्या को दूर करें।
Anveshi India Bureau