वहीं पिछले साल राज्य में कुछ 26,363 मामलों की पुष्टि हुई थी, जबकि मृतकों की संख्या चार थी। राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी को चिकनपॉक्स से बचाव करते रहने की सलाह दी है।
केरल में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन में रिसर्च सेल के अध्यक्ष डॉ राजीव जयदेवन कहते हैं, तापमान बढ़ने के साथ इस बीमारी के भी बढ़ने का खतरा अधिक हो जाता है। ये एक संक्रामक रोग है, जिसमें संक्रमितों के शरीर पर दाने होने के साथ बुखार और कई अन्य प्रकार की जटिलताओं का खतरा हो सकता है। चिकनपॉक्स के साथ कुछ राज्यों में खसरा और मम्प्स के केस भी बढ़े हैं।

केरल के अलावा पिछले 15 दिनों में तमिलनाडु के कई शहरों में मम्प्स के 200 से अधिक मामले रिपोर्ट किए गए हैं। कुछ शहरों में खसरा के मामले भी बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इन दिनों खसरा और चिकनपॉक्स के साथ मम्प्स के केस में वृद्धि रिपोर्ट की जा रही है। कई क्लिनिक्स में फूले हुए गालों और सूजे हुए जबड़े वाले बहुत से बच्चों को देखा जा रहा है।
इन संक्रामक रोगों के सबसे ज्यादा शिकार बच्चे हो रहे हैं। इसलिए माता-पिता के लिए जरूरी है कि वो बचाव के उपाय करते रहें जिससे बच्चों में इन संक्रामक रोगों के खतरे कम किया जा सके।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, वैरिसेला-जोस्टर नामक वायरस के कारण चिकनपॉक्स होता है। किसी संक्रमित व्यक्ति के शरीर पर निकले दानों के सीधे संपर्क में आने से इसके फैलने का खतरा हो सकता है। चिकनपॉक्स से पीड़ित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाली ड्रॉपलेट्स से भी इस संक्रमण के फैलने का खतरा हो सकता है।
जिन लोगों को पहले चिकनपॉक्स नहीं हुआ है या चिकनपॉक्स का टीका नहीं लगवाया है, उनके वायरस से संक्रमित होने का जोखिम अधिक होता है। अधिकांश लोग जिन्हें एक बार चिकनपॉक्स हो जाता है वे चिकनपॉक्स से प्रतिरक्षित हो जाते हैं। हालांकि कुछ लोगों को एक से अधिक बार चिकनपॉक्स हो सकता है।

इसी तरह खसरा भी बचपन में होने वाला एक संक्रमण है। खसरा एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है, यह बहुत आसानी से दूसरों तक फैलता है। जब खसरे से पीड़ित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो इससे निकली ड्रॉपलेट्स अन्य लोगों को संक्रमित कर सकती है। बच्चों को खसरे का टीका लगने से दुनियाभर में इसकी मृत्यु दर में गिरावट आई है, पर हालिया रिपोर्टस से पता चलता है कि चूंकि कोरोना महामारी के दौरान बड़ी संख्या में बच्चों का टीकाकरण नहीं हो पाया था, इसलिए इस संक्रामक रोग के बढ़ने का खतरा हो सकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, चिकनपॉक्स-खसरा और मम्प्स से बचाव का सबसे अच्छा तरीका टीका लगवाना है। बच्चों, किशोरों और वयस्कों सहित सभी को चिकनपॉक्स के टीके की दो खुराक लगवानी चाहिए। एमएमआर वैक्सीन खसरा, चिकनपॉक्स और मम्प्स तीनों से सुरक्षित रखने में सहायक है। इसके अलावा सभी लोगों को संक्रमितों से उचित दूरी बनाए रखने की सलाह दी जाती है। हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखकर इन संक्रामक रोगों से बचाव करने में मदद मिल सकती है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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