Monday, September 16, 2024
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DFCCIL के प्रबंध निदेशक हीरा बल्लभ ने पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के न्यू खुर्जा से न्यू पिलखनी खंड का किया निरीक्षण।

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) के प्रबंध निदेशक हीरा बल्लभ ने गहन संरक्षा अभियान के अंतर्गत आज पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) के न्यू खुर्जा -न्यू पिलखनी खंड का निरीक्षण किया। बल्लभ ने न्यू खुर्जा और न्यू पिलखनी के बीच संपूर्ण खंड का जायजा लिया।

प्रबंध निदेशक के साथ मुकेश जैन ई.डी/प्रोजेक्ट/EDFC, पवन कुमार सीजीएम/मेरठ, अमित सौराष्ट्री जीएम/सी.सी, अर्जुन तोमर जीएम/S&T, अखिलेश श्रीवास्तव जीएम/इलेक्ट्रिकल, नितिन बंसल जीएम/ओपी एंड बीडी तथा श्री वी.के. गौतम जीएम सेफ्टी सहित DFCCIL के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। श्री बल्लभ ने अपनी टीम के साथ डीएफसी की हरियाली बढ़ाने के लिए न्यू दादरी और न्यू मन्सूरपुर स्टेशनों पर वृक्षारोपण भी किया। उन्होंने डीएफसी नेटवर्क के इस खंड के संचालन में लगे DFCCIL कर्मियों से बातचीत की और उनके काम और समर्पण की सराहना भी की।

न्यू खुर्जा-न्यू पिलखनी खंड का महत्व

पूर्वी कॉरिडोर का न्यू दादरी-न्यू पिलखनी खंड भारत के पूर्वी हिस्सों को देश के उत्तरी भाग के बीच माल ढुलाई में नई क्रांति लाने में सहायक है। इसके माध्यम से कोयला क्षेत्रों से उत्तरी भारत के बिजलीघरों तक कोयले की तीव्र गति से आपूर्ति देश की बिजली सुरक्षा को मजबूत कर रही है। ईडीएफसी का यह सिंगल-लाइन सेक्शन लोहा और इस्पात उद्योगों के विकास के लिए भी अति महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। डीएफसी की फ्रेट क्षमता में हुई इस वृद्धि से भारतीय रेल के समानांतर खंड को भी लाभ पहुंचा है, जिससे प्रदर्शन और दक्षता में काफी सुधार हुआ है।

डीएफसी परियोजना से जुड़े लाभ

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) नेटवर्क ने भारतीय रेल ट्रैक से दबाव को काफी हद तक कम करने में अहम भूमिका निभा रहा है जिससे एक ओर पैसेंजर ट्रेनों की समय सारणी में सुधार हुआ है और वहीं दूसरी ओर नई यात्री रेलगाड़ियों का संचालन संभव हो रहा है। डीएफसी की अधिक क्षमता वाले ट्रैक अब बढ़े हुए एक्सल-लोड के साथ भारी माल ढुलाई वाली ट्रेनों को समायोजित कर रहे हैं, जिससे उद्योगों और किसानों को सीधा लाभ पहुँच रहा है। अब लंबी मालगाड़ियों (1.5 किमी) होने से वैगन की कमियां दूर हुई हैं और थोक वस्तुओं का परिवहन और कुशल हुआ है। हाल ही में, DFCCIL ने एनाकोंडा (तीन मालगाड़ियाँ जोड़ कर) और ब्रह्मास्त्र (चार मालगाड़ियाँ जोड़ कर) ट्रेनों का पूर्वी कॉरिडोर पर सफलतापूर्वक संचालन किया।

गतिशील मालगाड़ियाँ तेज़ डिलीवरी सुनिश्चित करती हैं, जो जल्दी खराब होने वाले वस्तुओं के लिए महत्वपूर्ण है। ट्रैक पर दबाव कम होने से रखरखाव भी पहले से बेहतर हुआ है। आज डीएफसी नए निवेश के रास्ते खोल रहा है, औद्योगिक विकास को बढ़ावा दे रहा है तथा 2047 तक ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘विकसित भारत’ जैसी पहलों का समर्थन कर रहा है। यह कॉरिडोर मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्कों के विकास को नयी गति दे रहा है जिससे लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आ रही है। डीएफसी का बहुआयामी विकास युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा कर रहा है।

 

Anveshi India Bureau

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