Thursday, November 21, 2024
spot_img
HomePrayagrajदिलों को झकझोर गई बूढ़ी काकी

दिलों को झकझोर गई बूढ़ी काकी

प्रयागराज। सामाजिक सरोकारों तथा यथार्थवादी लेखन के सिरमौर मुंशी प्रेमचन्द ने भारतीय महाद्वीप की संवेदनाओं को झकझोरने का काम किया है। उनकी कहानियों के किरदार साधारण और आमजन हैं. जिनकी समस्याओं और सरोकारों को बड़ी ही दक्षता से अपनी कहानियों और उपन्यासों में मुंशी जी ने शामिल किया है। भारतीय नाट्य के उत्कृष्ट स्वरूप नौटकी को समर्पित सेलीब्रेटिंग नौटकी महोत्सव के अन्तर्गत स्वर्ग रंगमण्डल ने मुंशी प्रेमचन्द्र की महानकृति बूढ़ी काकी का उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, प्रेक्षागृह में संवेदनाओं को झकझोरने वाली प्रस्तुति आज दिनांक 7 अगस्त 2024 को मंचित की।

नौटंकी बूढी काकी की प्रस्तुति के मंत्रमुग्ध करते कथानक को नौटंकी की भावानुरूप लय, ताल, संगीत की स्वरलहरियों से जो गति मिली उससे प्रेक्षागृह में उपस्थित हर ऑख नम हो गई। अतुल यदुवंशी ने नौटंकी जैसी जीवन्त, रसवन्त और बेहद संप्रेषणशील शैली के पुनरूत्थान और उत्कर्ष में जो नए आयाम जोड़े हैं वो आने वाले समय में प्रेरणा के स्रोत के तौर पर जाने जाएंगे।

मुंशी जी की कथाएं सामाज के हर वर्ग का प्रतिनिधित्व करती है खासकर उस वर्ग का जो कि सदैव उपेक्षित रहा और समय की मार सबसे ज्यादा झेली। बूढ़ी काकी की व्यथा-कथा हर किसी को सोचने को मजबूर कर देती है। बुद्धिराम के बड़े लड़के का तिलक आया है. घी और मसाले की क्षुधावर्धक सुगन्ध चारों ओर फैली हुई थी। बूढ़ी काकी को यह स्वाद निश्चित ही बेचैन कर रहा था और पूड़ियों का स्वाद स्मरण करके उसके हृदय में गुदगुदी होने लगती थी।

मेहमानों ने भोजन कर लिया, घर वालों ने भोजन कर लिया, बाजे-गाजे और वंचितों ने भी भोजन कर लिया लेकिन बूढी काकी को किसी ने नहीं पूछा। देर रात जब बूढ़ी काकी को भूख लगी तो जूठे पत्तलों के पास बैठ गयी और जूठन खाने लगी। इस हृदय विदारक दृश्य और घटना सभी को स्तब्ध कर देने वाली थी।

 

इस नौटंकी में ‘स्वर्ग’ रंगमण्डल के कलाकार शिवानी कश्यप जिन्होंने बूढ़ी काकी की भूमिका को बेहतरीन तरीके से निभाया साथ ही रंगीली श्रद्धा देशपाण्डेय, रंगा की भूमिका में धीरज अग्रवाल, रूपा की भूमिका में प्रिया मिश्रा, बुद्धिराम बने नीरज अग्रवाल एवं माया तिवारी आदि ने अपनी अपनी भूमिका सशक्त तरीके से निभाई। संगीत पक्ष दिलीप कुमार गुलशन, मुहम्मद साजिद एवं नगीना का रहा तथा संवेदनाओं को झकझोरते आलाप रोशन पाण्डेय ने लिये।

Anveshi India Bureau

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments