केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल बताया कि सरकार अधिवक्ता सुरक्षा कानून लागू करने के लिए अधिवक्ता अधिनियम में संशोधन की दिशा में भी विचार कर रही है। साथ ही वकीलों के जीवन बीमा योजना लागू करने को लेकर मंत्रालय ने बार कौंसिल ऑफ इंडिया से पूछा है कि वह उसमें कितना अंशदान करने को तैयार है।
वकीलों की सुरक्षा और जीवन बीमा को लेकर गंभीर मोदी सरकार संभावनाओं की तलाश में जुटी है। इसके लिए बार कौंसिल ऑफ इंडिया के साथ मंथन भी किया जा रहा है। वकील बेफिक्र होकर वकालत करें। उनकी चिंताओं को जिम्मेदारी सरकार की है। यह बातें केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार अर्जुन राम मेघवाल ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से लाइब्रेरी हाॅल में आयोजित स्वागत समारोह में कहीं।
उन्होंने बताया कि सरकार अधिवक्ता सुरक्षा कानून लागू करने के लिए अधिवक्ता अधिनियम में संशोधन की दिशा में भी विचार कर रही है। साथ ही वकीलों के जीवन बीमा योजना लागू करने को लेकर मंत्रालय ने बार कौंसिल ऑफ इंडिया से पूछा है कि वह उसमें कितना अंशदान करने को तैयार है। मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि बार कौंसिल अंशदान को तैयार नहीं होती तो भी सरकार इस योजना को बहुत जल्द अमलीजामा पहनाएगी।
इससे पहले बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी, सचिव विक्रांत पांडेय ने अंगवस्त्रम और स्मृति चिह्न भेंट किया। कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने विधि मंत्री समेत न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा को पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश खरे ने किया।
कार्यक्रम में उपाध्यक्ष अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, सुभाष चंद्र यादव, नीरज त्रिपाठी संयुक्त सचिव प्रशासन सुमित कुमार श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव लाइब्रेरी अभिजीत कुमार पांडेय, प्रेस सचिव पुनीत कुमार शुक्ला, अंचल ओझा, कोषाध्यक्ष रण विजय सिंह, अवधेश कुमार मिश्र, सच्चिदानंद यादव, रत्नेश पाठक, सर्वेश्वर लाल श्रीवास्तव, वेद प्रकाश ओझा, बलदेव शुक्ल और ब्रजेश कुमार सिंह सेंगर मौजूद रहे।
बार एसोसिएशन को मंत्री ने दिया न्यौता
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