फूलपुर लोकसभा क्षेत्र के जातीय समीकरण को देखें तो यहां कुल मतदाताओं की संख्या 20.47 लाख से अधिक है। इनमें सबसे अधिक तीन लाख से ज्यादा कुर्मी मतदाता हैं। यादव मतदाताओं की संख्या भी दो लाख से अधिक है। वहीं, पिछड़ी जाति के अन्य मतदाताओं की संख्या तीन लाख से अधिक है।
चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक दल भी पत्ते खोलने लगे हैं। इसी के साथ जीत-हार के समीकरण भी बनने लगे हैं। फूलपुर में निर्णायक भूमिका निभाने वाले पिछड़ों पर सभी दलों की नजर है। इस सीट पर पिछड़ों में भी चुनाव को कुर्मी बनाम अदर बैकवर्ड बनाने की जोड़तोड़ शुरू हो गई है। वहीं, इलाहाबाद सीट पर बसपा ने अभी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की, लेकिन भाजपा और कांग्रेस ने अगड़ी जाति के साथ सियासी परिवारों पर दांव खेला है। इससे लड़ाई करीबी बताई जा रही है।
फूलपुर लोकसभा क्षेत्र के जातीय समीकरण को देखें तो यहां कुल मतदाताओं की संख्या 20.47 लाख से अधिक है। इनमें सबसे अधिक तीन लाख से ज्यादा कुर्मी मतदाता हैं। यादव मतदाताओं की संख्या भी दो लाख से अधिक है। वहीं, पिछड़ी जाति के अन्य मतदाताओं की संख्या तीन लाख से अधिक है। करीब ढाई लाख मुस्लिम व ढाई लाख से अधिक अनुसूचित जाति के मतदाता भी हैं। अगड़ी जातियों में ब्राह्मण वोटरों की संख्या करीब दो लाख है। शहर की दोनों विधानसभा क्षेत्रों शहर उत्तरी एवं पश्चिमी में कायस्थ मतदाताओं की संख्या भी दो लाख से अधिक है।
इलाहाबाद सीट पर ब्राह्मण मतदाता हैं निर्णायक
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