खुल्दाबाद, नुरूल्लारोड का रहने वाला जुबैर अली (38) बीती 16 अप्रैल की शाम को घर से निकला था और फिर नहीं लौटा। वह आठ भाइयों में चौथे नंबर का था। उसका निकाह हो चुका था। घर में बीवी हसीना बेगम के अलावा तीन बेटियां और दो बेटे हैं।
परिजनों की तमाम कोशिशों के बाद भी मुस्लिम परिवार के एक शव को सुपुर्दे खाक के लिए कब्र मयस्सर नहीं हो सकी। परिजन थाने से लेकर पोस्टमार्टम हाउस तक शव की तस्वीर के लेकर दर-दर भटकते रह गए। तीन दिन तक मर्चरी में पड़े शव का अंतत: विद्युत शवदाह गृह में दाह संस्कार करवा दिया गया। इससे दिवंगत के परिवार के लोग आहत हैं। जान गंवाने वाले व्यक्ति के भाई ने पुलिस पर फोटो दिखाने के बाद भी शव की शिनाख्त न कराने और मनमाने तरीके से अंतिम संस्कार कराने का आरोप लगाया है।
खुल्दाबाद, नुरूल्लारोड का रहने वाला जुबैर अली (38) बीती 16 अप्रैल की शाम को घर से निकला था और फिर नहीं लौटा। वह आठ भाइयों में चौथे नंबर का था। उसका निकाह हो चुका था। घर में बीवी हसीना बेगम के अलावा तीन बेटियां और दो बेटे हैं। बड़े भाई जाकिर अली ने बताया कि जब उनका भाई घर नहीं लौटा तब परिजनों ने सोचा कि शायद वह अपने ससुराल औराई पत्नी हसीना के पास चला गया हो। जब 18 अप्रैल को उनके भाई की पत्नी ने घर पर फोन कर बताया कि दो दिन से जुबैर का फोन नहीं आया, वह कहां हैं? तब वह लोग उसे खोजने के लिए निकल पड़े।
विद्युत शवदाह गृह में जला दिया गया शव
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