Tuesday, October 8, 2024
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Prayagraj : सुपुर्दे खाक के लिए मयस्सर न हो सकी कब्र, पुलिस ने करा दिया दाह संस्कार

खुल्दाबाद, नुरूल्लारोड का रहने वाला जुबैर अली (38) बीती 16 अप्रैल की शाम को घर से निकला था और फिर नहीं लौटा। वह आठ भाइयों में चौथे नंबर का था। उसका निकाह हो चुका था। घर में बीवी हसीना बेगम के अलावा तीन बेटियां और दो बेटे हैं।

परिजनों की तमाम कोशिशों के बाद भी मुस्लिम परिवार के एक शव को सुपुर्दे खाक के लिए कब्र मयस्सर नहीं हो सकी। परिजन थाने से लेकर पोस्टमार्टम हाउस तक शव की तस्वीर के लेकर दर-दर भटकते रह गए। तीन दिन तक मर्चरी में पड़े शव का अंतत: विद्युत शवदाह गृह में दाह संस्कार करवा दिया गया। इससे दिवंगत के परिवार के लोग आहत हैं। जान गंवाने वाले व्यक्ति के भाई ने पुलिस पर फोटो दिखाने के बाद भी शव की शिनाख्त न कराने और मनमाने तरीके से अंतिम संस्कार कराने का आरोप लगाया है।

खुल्दाबाद, नुरूल्लारोड का रहने वाला जुबैर अली (38) बीती 16 अप्रैल की शाम को घर से निकला था और फिर नहीं लौटा। वह आठ भाइयों में चौथे नंबर का था। उसका निकाह हो चुका था। घर में बीवी हसीना बेगम के अलावा तीन बेटियां और दो बेटे हैं। बड़े भाई जाकिर अली ने बताया कि जब उनका भाई घर नहीं लौटा तब परिजनों ने सोचा कि शायद वह अपने ससुराल औराई पत्नी हसीना के पास चला गया हो। जब 18 अप्रैल को उनके भाई की पत्नी ने घर पर फोन कर बताया कि दो दिन से जुबैर का फोन नहीं आया, वह कहां हैं? तब वह लोग उसे खोजने के लिए निकल पड़े।

परिवार के लोग काटते रहे थाने का चक्कर

 

खोजते हुए धूमनगंज के सुलेमराय क्षेत्र में पहुंचे और दुकानदारों को अपने भाई की फोटो दिखाई तो पता चला कि वह दो दिन पहले यहां पर दिखा था। उसके बाद वह नहीं देखा गया। वहां लोगों ने यह भी बताया कि 17 अप्रैल की रात को कुछ लोगों ने एक व्यक्ति को चोरी के आरोप में पीटकर जख्मी बना दिया था। उधर, सुलेमसराय स्थित अमरदीप मोटर्स के पास 18 अप्रैल को एक युवक का शव मिला था। पहचान न होने पर पुलिस ने उसे अज्ञात में पोस्टमार्टम हाउस भिजवा दिया। इधर जाकिर भी अपने भाई को इधर-उधर खाेजता रहा, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला।

रविवार को सुलेमसराय में मिले अज्ञात शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखे 72 घंटे पूरे हो गए थे। इसके बाद धूमनगंज पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद उस शव को अंतिम संस्कार के लिए रसूलाबाद घाट लेकर चली गई। उसके थोड़ी ही देर बाद जाकिर भी अपने भाई की मौत की आशंका जताते हुए पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गया। पोस्टमार्टम हाउस में पूछने पर पता चला कि थोड़ी ही देर पहले एक अज्ञात शव का पोस्टमार्टम हुआ है, जिसका अंतिम संस्कार करने लिए पुलिस दारागंज ले गई है।

विद्युत शवदाह गृह में जला दिया गया शव

यह जानकर जाकिर अपने परिजनों के साथ दारागंज पहुंचा, जहां पता चला कि रसूलाबाद घाट पर ले गए हैं। वह लोग भागते हुए वहां पहुंचे तो पता चला कि आधे घंटे पहले ही एक अज्ञात शव को विद्युत शवदाह गृह में जलाया गया है। इसके बाद परिजनों ने उस एंबुलेंस के ड्राइवर से मुलाकात की, जिससे शव वहां लाया गया था। चालक ने शव का फोटो दिखाया तो उसके होश ही उड़ गए। वह फोटो उसके लापता भाई जुबैर अली का था।

भाई जाकिर ने धूमनगंज पुलिस पर आरोप लगाया है कि वह 18 अप्रैल को धूमनगंज थाने गया था और वहां पुलिस को अपने भाई की फोटो दिखाकर उसके बारे में पूछा भी था, लेकिन पुलिस ने शिनाख्ता नहीं कराई। उसका आरोप है कि वह 21 अप्रैल को भाई की गुमशुदगी दर्ज कराने लिए खुल्दाबाद थाने गया था, लेकिन वहां भी कहा गया कि जांच के बाद गुमशुदगी दर्ज की जाएगी। भाई जाकिर का कहना है कि यदि धूमनगंज पुलिस ने उनके भाई के मृत होने की सूचना दी होती तो वह अपने भाई को अंतिम बार देखकर उसके शव को कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक कर पाता। लेकिन, पुलिस ने अज्ञात में ही उसका अंतिम संस्कार करा दिया।

 

Courtsyamarujala.com

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