Sunday, June 1, 2025
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Paris Olympics: समापन समारोह में मनु के साथ पीआर श्रीजेश होंगे ध्वजवाहक, IOA का एलान, 11 अगस्त को है कार्यक्रम

आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा कि श्रीजेश आईओए नेतृत्व के भीतर एक भावनात्मक और लोकप्रिय पसंद थे। मौजूदा खेलों में भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कांस्य जीतने के बाद श्रीजेश ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास ले लिया।

पेरिस ओलंपिक के समापन समारोह में मनु भाकर के साथ भारतीय हॉकी टीम के दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश भारत के ध्वजवाहक होंगे। भारतीय ओलंपिक संघ ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। आईओए ने अपने बयान में कहा, ‘पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों के समापन समारोह में पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर के साथ संयुक्त ध्वजवाहक के रूप में हॉकी गोलकीपर पीआर श्रीजेश को नियुक्त करते हुए भारतीय ओलंपिक संघ को खुशी हो रही है।’

Paris Olympics: PR Sreejesh will be flag bearer along with Manu Bhaker in closing ceremony, IOA announces
आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा कि श्रीजेश आईओए नेतृत्व के भीतर एक भावनात्मक और लोकप्रिय पसंद थे। मौजूदा खेलों में भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कांस्य जीतने के बाद श्रीजेश ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास ले लिया। शुक्रवार को हॉकी इंडिया ने दिग्गज खिलाड़ी को जूनियर पुरुष हॉकी टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया है। वह अब युवा टीम को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेंगे।
Paris Olympics: PR Sreejesh will be flag bearer along with Manu Bhaker in closing ceremony, IOA announces
भारत ने गुरुवार को स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता और इसके साथ ही श्रीजेश ने हॉकी को अलविदा कह दिया। श्रीजेश लंबे समय से भारतीय हॉकी टीम के अहम सदस्य रहे हैं। श्रीजेश ने पेरिस ओलंपिक में भी शानदार प्रदर्शन किया और विरोधी टीम के सामने दीवार बनकर खड़े रहे। स्पेन के खिलाफ कांस्य पदक मुकाबले में भी श्रीजेश ने अंतिम क्वार्टर में शानदार बचाव किए थे और उन्हें बढ़त लेने से रोका था। इस तरह टीम ने श्रीजेश को जीत के साथ विदाई दी।
Paris Olympics: PR Sreejesh will be flag bearer along with Manu Bhaker in closing ceremony, IOA announces
संन्यास के फैसले पर क्या बोले श्रीजेश?
शुक्रवार को श्रीजेश के संन्यास के बाद फैंस लगातार उनसे वापसी की मांग कर रहे थे। इसको लेकर उन्होंने कहा, ‘यह विदा लेने का सही समय है। मुझे लगता है कि ओलंपिक खेलों से विदा लेने का यह सही तरीका है, एक पदक के साथ। हम खाली हाथ घर नहीं जा रहे जो बड़ी बात है। मैं लोगों की भावनाओं का सम्मान करता हूं लेकिन कुछ फैसले कठिन होते हैं। सही समय पर फैसला लेने से हालात खूबसूरत हो जाते हैं। इसलिए मेरा फैसला नहीं बदलेगा। टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है और इस मैच को इतना यादगार बना दिया। टोक्यो में मिले पदक की मेरे दिल में खास जगह है। इससे हमें आत्मविश्वास मिला कि हम ओलंपिक में पदक जीत सकते हैं।’
Courtsy amarujala.com
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