Monday, September 9, 2024
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नहीं बदलता विधि का विधान

प्रयागराज। स्वर्ग रंगमण्डल द्वारा आयोजित एवं उ०प्र० लोक जनजाति संस्कृति संस्थान के सहयोग से आयोजित सेलीब्रेटिंग नौटंकी महोत्सव के चतुर्थ दिवस शुक्रवार को गीत नाट्य ‘टारे टरे न लेख की प्रस्तुति स्थानीय उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के प्रेक्षागृह में हुई। प्रस्तुति में लोक कलाकारों की स्वर लहरियां साथ में कहानी, अनुरूप दृश्य निरूपण निरंतर दर्शकों को लुभाते रहे हैं। लोक संगीत, लोक गीत एवं लोक नाट्य से परिपूर्ण प्रस्तुति को देश के जाने माने लोक नाट्य निर्देशक अतुल यदुवंशी ने अपने निर्देशकीय कौशल से सजाया था। इस प्रस्तुति में लोक गायन बिरहा, भारतीय नाट्य नौटंकी एवं रामलीला का अद्भुत संगुफन देखने को मिला।

 

‘टारे-टरे न लेख तीन कहानियों का केन्द्र है जहाँ पर यह बात प्रमाणित हो जाती है कि समय बदले या जन्म-जन्मान्तर, विधि का विधान नहीं बदला जा सकता। सुग्गा सुग्गी के माध्यम से शुरू हुई कहानी अगले पड़ाव में श्रवण कुमार की गाथा में परिवर्तित होकर अंत में राजा दशरथ के राम वन गमन के समय पुत्र वियोग में प्राण त्यागना दर्शकों को अचम्भित कर गया।

लोक गाथाओं की रोचकता एवं उसमें सन्निहित संदेश हमें जीवन की गूढ बातें समझाने में सफल रहते हैं। राजा दशरथ का पुत्र वियोग में प्राण त्यागना उनके कर्मों के योगफल से विधि द्वारा न्याय उसी तरह था, जैसे श्रवण कुमार के माता-पिता ने पुत्र वियोग में प्राण त्यागा था एवं उसी समय श्रवण कुमार के माता द्वारा दिये गये श्राप से जोड़कर देखा गया जिसे श्रवण कुमार के माता-पिता ने राजा दशरथ को श्रवण की हत्या के उपरात दिया था। प्रस्तुति का आधार गीत ‘टारे टरे न लेख विधनवा, टारे टरे न लेख बेहद रोचक रहा जो कहानी के हर पड़ाव पे अपनी सार्थकता दर्ज कर रहा था।

 

प्रस्तुति में सूत्रधारों की भूमिका में कंचन लाल यादव, अभयराज यादव एवं मनोज कुमार ने कहानी को बड़े ही सलीके से पेश किया। साथ ही सुग्गा देशराज पटारिया, सुग्गी अशोक कुमार रसिया, उद्यान ऋषि रामसूरत पायल, मेढक ज्ञानेन्द्र गौतम्, चन्द्रकला-कुमारी सोनी, श्रवण कुमार-नीरज अग्रवाल, विद्यावती – अनन्या मोहिले, राजा दशरथ – राजेन्द्र कुमार, रानी कैकेयी – प्रिया मिश्रा, मंथरा – शिवानी कश्यप, रावण संजय यादव, शंकर जी एजाज खान् रानी कौशल्या श्रद्धा देशपाण्डे, रानी सुमित्रा प्रेक्षा देशपाण्डे, राम-नीरज अग्रवाल, सीता-अनन्या मोहिले, लक्ष्मण – साहिल केसरवानी तथा ग्रामीण महिलाओं में श्रद्धा देशपाण्डे, प्रेक्षा देशपाण्डे, अनन्या मोहिले, शिवानी कश्यप, कुमारी सोनी ने भूमिकाओं को बखूबी निभाया। मंच परे संगीत-गुलाब चन्द्र मौर्य, संतोष कुमार, दिलीप कुमार, मोहम्मद साजिद, नगीना, ज्ञानेन्द्र गौतम तथा बसंत लाल त्यागी का रहा। वस्त्र विन्यास शिल्पी यदुवंशी, रूप सज्जा मोहम्मद हमीद तथा प्रकाश निर्देशन-सुजॉय घोषाल का रहा। इस प्रस्तुति के गीतकार- रामसिंह यादव, नाट्य लेखन- राजकुमार श्रीवास्तव है।

Anveshi India Bureau

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