पीसीएस-जे की मुख्य परीक्षा-2022 में 50 अभ्यर्थियों की कॉपियां बदलने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के अध्यक्ष संजय श्रीनेत ने व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल किया।
पीसीएस-जे की मुख्य परीक्षा-2022 में 50 अभ्यर्थियों की कॉपियां बदलने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के अध्यक्ष संजय श्रीनेत ने व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल किया। कोर्ट ने अगली सुनवाई तक हलफनामे और सीलबंद लिफाफे के तथ्यों को सार्वजनिक करने पर रोक लगा दी है। अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।
अभ्यर्थी श्रवण पांडेय की याचिका पर न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह व न्यायमूर्ति डी रमेश की खंडपीठ के समक्ष आधे घंटे चली बहस के दौरान आयोग के अधिवक्ता निशीथ यादव ने यूपीपीएससी अध्यक्ष के व्यक्तिगत हलफनामे के साथ अदालत की ओर से मांगे गए दस्तावेज सीलबंद लिफाफे में पेश किए। कोर्ट ने इनके तथ्यों को सार्वजनिक नहीं करने के निर्देश दिए।
याची की मांग… आयोग की कार्रवाई संतोषजनक नहीं, कोर्ट कराए जांच
याची के अधिवक्ता एसएफए नकवी ने कहा कि अदालत से आयोग की परीक्षा की शुचिता और पारदर्शिता सवालों के घेरे में है। गड़बड़ियों के खुलासे के बाद अब तक की आयोग की कार्रवाई से पीड़ित अभ्यर्थी संतुष्ट नहीं है। कहा, इतने बड़े मामले की जांच अदालत स्वत: संज्ञान लेकर करे, क्योंकि इससे बड़ी संख्या में छात्र प्रभावित हैं। तमाम कारणों से वे याचिका नहीं दाखिल कर पा रहे हैं।
हाईकोर्ट ने कहा…पीड़ित के लिए खुला है अदालत का दरवाजा
कोर्ट ने सेवा मामले से जुड़ी याचिका को जनहित याचिका के स्वरूप में सुनने से इन्कार कर दिया। कहा, अदालत का दरवाजा हर पीड़ित के लिए हमेशा खुला है। जो भी पीड़ित है, वह खुद याचिका दाखिल कर सकता है।
Courtsy amarujala.com