फुटकर बाजार में टमाटर पिछले माह 30 से 40 रुपये किलो में बिक रहा था जो अब 80 से सौ रुपये पहुंच गया। आलू भी अर्धशतक की तरफ बढ़ रहा है। वहीं 30 रुपये किलो बिकने वाले प्याज का भाव 50 रुपये को पार कर गया है। नेनुआ को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश हरी सब्जियाें के दाम 50 रुपये किलो से ऊपर ही हैं।
बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत तो दी लेकिन जेबों पर भार डाल दिया। हरी सब्जियों के दाम आसमान छूने को हैं। लाल टमाटर शतक लगाने की करीब पहुंच गया। बीते एक पखवारे से दाम बढ़ने से आम लोगों की थालियों से हरी सब्जियां गायब होने लगी हैं। साथ ही रसोई का बजट बिगड़ने लगा है।
फुटकर बाजार में टमाटर पिछले माह 30 से 40 रुपये किलो में बिक रहा था जो अब 80 से सौ रुपये पहुंच गया। आलू भी अर्धशतक की तरफ बढ़ रहा है। वहीं 30 रुपये किलो बिकने वाले प्याज का भाव 50 रुपये को पार कर गया है। नेनुआ को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश हरी सब्जियाें के दाम 50 रुपये किलो से ऊपर ही हैं।
बाजार के जानकारों का कहना है कि बारिश के कारण बंगलूरू और नासिक से आने वाले टमाटर की आपूर्ति बाधित होने से कीमतें बढ़ी हैं। आढ़तियों का कहना है कि लोकल टमाटर की भी आवक कम हो गई है। अगर तीन चार दिन में बंगलूरू से आपूर्ति सामान्य न हुई तो फुटकर मंडी में टमाटर के भाव और भी तेजी आएगी।
शहर की अलग-अलग फुटकर मंडियों में टमाटर का मौजूदा भाव 80 से 90 है तो वहीं बोर्ड ऑफिस सब्जी मंडी में टमाटर 100 रुपये किलो हो गया है। चंद दिनों में दोगुना हुआ प्याज लोगों को रुला रहा है। गृहिणी सौम्या मालवीय ने कहा कि इस वर्ष सब्जी के दाम काफी ज्यादा बढ़ गए हैं। पुष्पांजलि सिंह ने कहा कि आलू, प्याज, टमाटर के बढ़ते दाम ने ज्यादा परेशान किया है।
थोक मंडी में 1,400 रुपये क्रेट पहुंचा टमाटर का दाम
Courtsy amarujala.com