Thursday, September 19, 2024
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Prayagraj : अधूरे इंतजामों के बीच दशाश्वमेध घाट से जल भरकर रवाना हुए कांवड़िये, देर रात तक चलती रहीं तैयारियां

गंगा,यमुना और विलुप्त सरस्वती की त्रिवेणी के जल से देवाधिदेव महादेव के जलाभिषेक के लिए कांवडिये घरों से निकल पड़े हैं। दो सौ मीटर लंबे दशाश्वमेध घाट पर इस बार स्थिति अलग है। वहां महाकुंभ के तहत पक्के घाट का निर्माण होने की वजह से कांवडि़यों के घाट उतरने के लिए दो रास्ते बनाए जा रहे हैं।

सावन लगने के साथ ही कांवड़ यात्रा सोमवार से आरंभ हो गया, लेकिन देश भर से संगम का जल भरने के लिए आने वाले भोले भक्तों के लिए आधी रात तक कच्चे घाटों पर उतरने के लिए बालू की बोरियां बिछाई जाती रहीं। लाइट के लिए खंभे गाड़े जाते रहे। शास्त्री सेतु पर बल्ली के सहारे रस्सी तान कर कांवडि़यों के लिए अलग लेन बनाई जाती रही। अधूरी तैयारियों के बीच महापौर गणेश केसरवानी ने नगर निगम के अधिकारियों के साथ हकीकत देखी और रात भर में कांवडि़यों के लिए घाट व्यवस्थित करने का निर्देश दिया।

गंगा,यमुना और विलुप्त सरस्वती की त्रिवेणी के जल से देवाधिदेव महादेव के जलाभिषेक के लिए कांवडिये घरों से निकल पड़े हैं। दो सौ मीटर लंबे दशाश्वमेध घाट पर इस बार स्थिति अलग है। वहां महाकुंभ के तहत पक्के घाट का निर्माण होने की वजह से कांवडि़यों के घाट उतरने के लिए दो रास्ते बनाए जा रहे हैं। इसके लिए आधी रात तक बालू की बोरियां बिछाई जाती रहीं। सोमवार को बड़ी संख्या में कांंवड़िये जल भरकर काशी विश्वनाथ के लिए रवाना हुए। पूरा घाट हर हर महादेव और बोल बम के जयकारों से गूंजता रहा।

Amidst incomplete arrangements, Kanwariyas will descend to fill water from two places at Dashashwamedh Ghat.

सोमवार से महीने भर के लिए कांवड़ यात्रा शुरू हो गया। इससे पहले ही कांवडि़ये संगम का जल भरने के लिए निकल पड़े हैं। रविवार को मिर्जापुर के जिगिना और भदोही से कांवडि़यों के जत्थे दशाश्वमेध घाट जल भरने पहुंचे। यहां से वह कांवड़ पथ से होकर बाबा विश्वनाथ के दरबार में जलाभिषेक के लिए नंगे पांव पहुंचेंगे। इसी के साथ सावन में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए कांवडिय़ों का जत्था दशाश्वमेध घाट पहुंचने लगेगा। शास्त्री घाट पर एक लेन आर्क्षित करने के लिए बल्लियां लगाकर रस्सी तानी जाती रही।

तीर्थपुरोहित विनोद तिवारी ने अधूरे इंतजामों पर चिंता जताई। उनका कहना था कि समय रहते बालू की बोरियां तक नहीं बिछाई जा सकीं। ऐसे में घाटों पर भोले भक्तों को दिक्कतें हो सकती हैं। राम नरेश शुक्ल बताते हैं कि सावन शुरू होने से कुछ घंटे पहले तक भोले भक्तों के लिए कच्चे घाटों पर जल भरने के लिए तैयारियां पूरी कराने की जद्दोजहद नहीं होनी चाहिए थी। इसके लिए समय रहते प्रशासन को कदम उठाना चाहिए था। महापौर का कहना था कि वह रात भर में काम पूरा करा देंगे। भक्तों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

दशाश्वमेध घाट पर लाखों कांवडिय़ों का रेला उमडऩे का अनुमान

दशाश्वमेध घाट पर सावन मास में लाखों की संख्या में कांवडिय़ों का रेला गंगा जल भरने के लिए उमडने का अनुमान है। यहां से बाबा विश्वनाथ, बैजनाथ धाम के अलावा अन्य शिव मंदिरों में जलाभिषेक के लिए कांवडिय़ों के जत्थे सावन भर नंगे पांव रवाना होंगे।

Courtsy amarujala.com
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