सावन में रोज हजारों कांवड़िये प्रयागराज से गंगाजल लेकर वाराणसी जाते हैं। इसी वजह से प्रशासन जीटी रोड की एक लेन कांवड़ियों के लिए आरक्षित कर देता है। यहां से चलने वाली रोडवेज बसें भी झूंसी की जगह वाया फाफामऊ संचालित होती हैं।
सावन शुरू होते ही सोमवार से प्रयागराज से वाराणसी, गोपीगंज, जौनपुर, आजमगढ़ और गोरखपुर आदि शहरों की दूरी बढ़ जाएगी। इन शहरों की ओर जाने वाली बसें प्रयागराज के शास्त्री पुल की जगह चंद्रशेखर आजाद पुल फाफामऊ होते हुए संचालित होगी। रोडवेज बसों के बदले रूट की वजह से प्रयागराज से वाराणसी का साधारण बस से किराया 28 रुपये तो एसी बस से 37 रुपये बढ़ जाएगा। इसी तरह गोरखपुर का साधारण बस से 12 रुपये तो एसी बस से 14 रुपये बढ़ जाएगा। सोमवार से बसों का डायवर्जन शुरू हो जाएगा।
दरअसल, सावन में रोज हजारों कांवड़िये प्रयागराज से गंगाजल लेकर वाराणसी जाते हैं। इसी वजह से प्रशासन जीटी रोड की एक लेन कांवड़ियों के लिए आरक्षित कर देता है। यहां से चलने वाली रोडवेज बसें भी झूंसी की जगह वाया फाफामऊ संचालित होती हैं। यह व्यवस्था सोमवार 22 जुलाई से 19 अगस्त तक रहेगी। फाफामऊ होकर जाने की वजह से वाराणसी, गोपीगंज, गोरखपुर, जौनपुर जाने वाली बसों की दूरी बढ़ जाएगी। इस वजह से इन मार्गों पर बसों का किराया रोडवेज ने बढ़ा दिया है।
रोडवेज अफसरों के मुताबिक वाराणसी, गोपीगंज जाने वाली बसें सिविल लाइंस से फाफामऊ होकर सहसों हाईवे एवं वहां से जीटी रोड कछवा के रास्ते वाराणसी जाएंगी। वहीं, गोरखपुर रूट की बसें फाफामऊ से बादशाहपुर होते हुए गोरखपुर जाएंगी। इस वजह से वाराणसी, गोपीगंज की दूरी 18 किलोमीटर बढ़ जाएगी, जबकि गोरखपुर की दूरी नौ किमी बढ़ जाएगी। यूपी रोडवेज प्रयागराज रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक एमके त्रिवेदी ने इसकी पुष्टि की है।
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