इलाहाबाद और फूलपुर लोकसभा से भाजपा ने नए चेहरों को टिकट देकर एक तीर से कई शिकार करने का प्रयास किया है। नीरज त्रिपाठी की बेदाग छवि और उनके पिता केशरीनाथ त्रिपाठी की राजनीतिक सफर को देखते हुए उन पर दांव लगाया है। इसी तरह फूलपुर में तीन बार से विधायक प्रवीण पटेल को उतारकर कुर्मी मतदाताओं को एक बार फिर साधने का प्रयास किया है।
चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन ही भाजपा ने प्रयागराज की दोनों सांसद केशरी देवी पटेल और डॉ. रीता बहुगुणा जोशी का टिकट काटकर दो नए चेहरों पर बड़ा दांव खेल दिया। सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के पुत्र नीरज त्रिपाठी का रहा। उन्हें टिकट दिए जाने को लेकर सियासी गलियारे में चर्चा रही कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की पैरवी की वजह से ही पार्टी नेतृत्व ने उनपर भरोसा जताया।
बताया जा रहा है कि एक विशेष रणनीति के तहत ही भाजपा ने नीरज त्रिपाठी को इलाहाबाद एवं विधायक प्रवीण पटेल को फूलपुर संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया। इन दोनों को टिकट देने के साथ ही भाजपा ने एक तीर से कई निशाने साधने का भी प्रयास किया है।इंडी गठबंधन की वजह से इस बार का भी चुनाव जातीय समीकरण साधने पर केंद्रित है।
पिछले कुछ दिनों से इस बात की चर्चा थी कि भाजपा अपने दोनों सांसदों का टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दे सकती है। ऐसा हुआ भी। पार्टी ने 2019 की तरह ही इलाहाबाद से ब्राह्मण एवं फूलपुर से कुर्मी प्रत्याशी को ही टिकट दी। ताकि जातीय समीकरण साधने में कोई दिक्कत न हो।
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