Friday, October 25, 2024
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Scam : दो बाहरी को 50 हजार का भुगतान क्यों, तीन जांच अधिकारी नहीं दे पाए जवाब, यह है पूरा मामला

दुबावल उपरहार गांव के भाजपा नेता धनंजय मिश्रा ने शिकायत में आरोप लगाया है कि हंडिया के तत्कालीन डाक निरीक्षक एनपी श्रीवास्तव ने दुबावल उपरहार डाकघर में पत्र वितरण के लिए दो आउटसाइडर (बाहरी लोग) रखे। अप्रैल से जुलाई 2017 तक रवि कुमार को इसके लिए 24,990 रुपये का भुगतान किया गया।

हंडिया के दुबावल उपरहार डाकघर के निरीक्षक ने सात साल पहले दो बाहरी लोगों को 49,896 रुपये का भुगतान कर दिया। भाजपा नेता की शिकायत और निवर्तमान सांसद केशरी देवी पटेल की सिफारिश पर केंद्रीय संचार मंत्री को जांच बैठाई। मगर, तीन-तीन उप डाक अधीक्षक (एएसपी) अपने मंत्रालय को संतोषजनक रिपोर्ट नहीं दे सके। अब ”बाहरी” का रिकॉर्ड तलाश रहे हैं।

दुबावल उपरहार गांव के भाजपा नेता धनंजय मिश्रा ने शिकायत में आरोप लगाया है कि हंडिया के तत्कालीन डाक निरीक्षक एनपी श्रीवास्तव ने दुबावल उपरहार डाकघर में पत्र वितरण के लिए दो आउटसाइडर (बाहरी लोग) रखे। अप्रैल से जुलाई 2017 तक रवि कुमार को इसके लिए 24,990 रुपये का भुगतान किया गया। फिर, जुलाई से अक्तूबर तक आशीष कुमार सिंह को 24,906 रुपये का नगद भुगतान किया गया।

आरोप है कि जिन बाहरी लोगों को भुगतान हुआ है, असल में उस नाम का कोई व्यक्ति ही नहीं है। यह भुगतान फर्जी है। उनका असली नाम कुछ और है। निवर्तमान सांसद केशरी देवी पटेल ने 31 मई 2023 को संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा। कहा, आउटसाइडर के रूप में फर्जी तरीके से जिस आशीष कुमार सिंह के नाम पर भुगतान किया गया, उसका आधार कार्ड अखिलेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर है।

उन्होंने मंत्री से आग्रह किया कि मामले की गंभीरता से जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। इसके बाद एक जून 2023 को फूलपुर विधायक (अब सांसद) प्रवीण पटेल ने भी संचार मंत्री को इसी संबंध में पत्र लिखा था। सांसद की चिट्ठी पर संचार मंत्री ने पत्र लिखकर बताया कि जांच कराई जा रही है। ग्राम प्रधान ने भी लिखकर दिया है कि जिन्हें भुगतान हुआ, उन्होंने कभी कोई काम नहीं किया।

मामला मंत्री तक पहुंचने के बाद अफसर सक्रिय हुए। इसकी जांच एएसपी हिमांशु तिवारी और अर्जित सोनी कर चुके हैं। अब एएसपी अंबरीश कुमार कर रहे हैं। जांच अधिकारियों ने शिकायतकर्ता से बयान लिया और जांच रिपोर्ट निदेशालय को भेज दी। अफसरों ने कहा कि भुगतान सही हुआ है। आउटसाइडर से काम लिया गया है। इस जांच रिपोर्ट पर निदेशालय ने दोनों आउटसाइडर के रिकाॅर्ड मांगे लिए।

इसके जवाब ने बताया गया कि मामला सात वर्ष पुराना है और रिकाॅर्ड नष्ट कर दिए गए हैं। इनसे पूछा गया है कि रिकाॅर्ड कब नष्ट किए गए? इनके साथ अन्य किन-किन मामलों का रिकाॅर्ड नष्ट किया गया है। इसके बाद हंडिया डाक निरीक्षक से इसकी रिपोर्ट मांगी गई है।

आउटसाइडर को भुगतान करने के मामले की पहले जो जांच रिपोर्ट भेजी गई थी, उसमें कुछ आपत्तियां थीं। अब फिर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जल्द ही रिपोर्ट निदेशालय भेजेंगे। विभाग में आउटसाइडर रखने का नियम है। डाक बांटने की जरूरत के अनुसार ही उन्हें रखा जाता है। – गाैरव श्रीवास्तव, डाक निदेशक

Courtsyamarujala.com
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