Friday, October 4, 2024
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सिपाहियों की मौत का सच : परिजनाें ने साधे रखी चुुप्पी, कुछ बोलने से किया इन्कार, मोर्चरी पर बिलखते रहे परिजन

महिला और पुरुष सिपाहियों की मौत को लेकर स्थिति पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद भी स्पष्ट हो सकी है। पीएम रिपोर्ट के अनुसार महिला सिपाही ने जहर खाया और सिपाही राजेश ने फांसी लगाकर जान दी है, लेकिन मोर्चरी पहुंचे परिजनों ने बताया कि उन्हें इनके संबंधों की कोई जानकारी नहीं थी और कभी इन लोगों ने इसकी चर्चा भी नहीं की थी।

दो सिपाहियों की मौत की खबर पाकर पहुंचे परिजनों ने चुप्पी साधे रखी। उन्होंने इस मसले पर कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। साथ ही किसी तरह का आरोप-प्रत्यारोप भी नहीं किया। पुलिस का कहना है कि कोई तहरीर भी नहीं मिली है।

पोस्टमार्टम हाउस पर मौजूद सिपाही राजेश के पिता गिरधारी लाल व भाई जीतेंद्र फूट-फूटकर राेते रहे। घटना की वजह के बाबत पूछने पर उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। राजेश तीन भाइयों में छोटा था। उधर, उसकी पत्नी नीतू भी बदहवास हाल में मोर्चरी पहुंची। पति का शव देखकर वह फूट-फूटकर रोई। उसने भी किसी तरह का कोई आरोप नहीं लगाया। उसके पिता हरिमोहन ने कहा कि जो होना था हो गया, अब कुछ कहने से क्या फायदा। इससे दामाद वापस तो नहीं आएगा। पोस्टमार्टम के बाद शव बाहर निकाला गया तो परिजनों की चीत्कार से कोहराम मच गया।

family members kept silence, refused to say anything, the family members kept crying at the mortuary
तीन दिन पहले गई थी पत्नी

उधर यह बात सामने आई है कि राजेश की पत्नी तीन दिन पहले ही उससे मिलकर वापस गई थी। सात अप्रैल को वह शहर आई थी और यहीं एक हफ्ते तक रुकी रही। तीन दिन पहले ही वह वापस गई। सूत्रों का यह भी कहना है कि दोनाें के बीच पूर्व में विवाद हुआ था, जिसके बाद मामला मध्यस्थता केंद्र तक पहुंचा था।

हालांकि, बाद में दोनों में सुलह हो गई थी और वह एक-दूसरे के साथ रहने को तैयार हो गए थे। एक खास बात यह रही कि राजेश के पिता-भाई और पत्नी अलग-अलग मोर्चरी पहुंचे। पत्नी दोपहर में पहुंची जबकि पिता व भाई सुबह ही आ गए थे। सूत्रों का यह भी कहना है कि यही वजह रही कि राजेश के शव के पोस्टमार्टम में देरी हुई। अन्यथा उसका भी पोस्टमार्टम सुबह ही करा दिया गया होता।

family members kept silence, refused to say anything, the family members kept crying at the mortuary
प्रिया के लिए खोजा जा रहा था रिश्ता

इससे पहले मोर्चरी पहुंचे प्रिया के परिजन भी बिलखते रहे। पिता अनूप कुमार तिवारी ने पुलिस को बताया कि वह बेटी के लिए रिश्ता खोज रहे थे। बेटी ने भी कभी नहीं बताया कि वह किसी बात से परेशान है। राजेश के बारे में भी कभी नहीं बताया। राजेश को वह जानते भी नहीं। बेटी को याद करते हुए उन्होंने बताया कि प्रिया बहुत निडर व हिम्मत वाली थी। कभी वह या घर का कोई अन्य सदस्य किसी बात को लेकर परेशान होता तो वह हिम्मत बंधाती थी।

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सबको हौसला देने वाला खुद कैसे हार गया हिम्मत?

राजेश बेहद जिंदादिल इंसान था और उसके फेसबुक पोस्ट्स से भी यह बखूबी साबित होता है। उसके अकाउंट पर ढेरों रील बना रखे थे और हर रील में प्रेरक बात लिखी हुई थी। उसकी अंतिम पोस्ट दो अप्रैल को थी जिसमें अपनी तस्वीर के साथ उसने लिखा था कि ‘मुस्कुराने की आदत डालो, स्थिति बदलती रहती है’। इसी तरह उसने कई रील बनाकर अपनी तस्वीरें पोस्ट की थी। हर तस्वीर में वह मुस्कुराता हुआ ही नजर आ रहा था। ऐसे में उसके सहकर्मियों के बीच यही चर्चा रही कि आखिर सबको हौसला देने वाला खुद कैसे हिम्मत हार गया?

सवाल कई, आशंकाएं भी?

दोनों मृतकों का अंतिम संस्कार हो चुका है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आ चुकी है। हालांकि इस घटना को लेकर कई सवाल अब भी अनसुलझे हैं। मसलन ऐसा क्या हुआ कि दोनों ने इतना बड़ा कदम उठा लिया। सवाल यह भी है कि क्या दाेनों ने साथ में जान देने का फैसला किया। हालांकि यह भी सवाल उठता है कि साथ में जान देने का फैसला लिया गया तो फिर मौत चुनने का तरीका अलग क्यों रहा। एक आशंका यह भी है कि कहीं महिला सिपाही ने पहले तो ही जान नहीं दे दी थी जिसे देखकर राजेश का सदमा लगा और फिर उसने भी खुदकुशी कर ली।
Courtsyamarujala.com
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