Friday, October 18, 2024
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Temprature : गर्म तवे की तरह तपा प्रयागराज, पारा 48.8 डिग्री पहुंचा, हीट स्ट्रोक से पांच की मौत

गर्मी ने इस वर्ष के सभी रिकार्ड को ध्वस्त कर दिए। सुबह आठ बजे ही तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया। इस वजह से चाहे घर हो या बाहर लोग पसीने से तरबतर दिखे। दिन के 10 बजे तक तापमान 445 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने पर दो पहिया वाहनों से दफ्तर के लिए निकलने वाले बेहाल हो गए।

प्रयागराज में गर्मी का कहर जारी है। मंगलवार को पारा 48.4 डिग्री पर पहुंचा तो तीन दशक का रिकॉर्ड टूट गया था। बुधवार ने सूर्य ने ऐसा रौद्र रूप दिखाया कि पारा 48.8 पर पहुंच गया जो कि जिले में गर्मी का एक रिकॉर्ड है। मनुष्य तो क्या पशु पक्षी भी गर्मी से बेहाल दिखे। सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा। बहुत जरूरत पड़ने पर ही लोग घरों से निकले। हीट स्ट्रोक से पांच लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक दरोगा भी शामिल हैं। हालांकि मौत की पुष्टि पोस्टमार्टम से ही होगी, लेकिन जिस स्थिति में उनकी जान गई वह गर्मी और लू का ही संकेत माना जाता है।

गर्मी ने इस वर्ष के सभी रिकार्ड को ध्वस्त कर दिए। सुबह आठ बजे ही तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया। इस वजह से चाहे घर हो या बाहर लोग पसीने से तरबतर दिखे। दिन के 10 बजे तक तापमान 445 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने पर दो पहिया वाहनों से दफ्तर के लिए निकलने वाले बेहाल हो गए। सड़क तपने के साथ ही गर्म हवाओं ने लोगों की अग्निपरीक्षा लेनी शुरू कर दी। दोपहर एक बजे तक तापमान 48 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। सूरज की तपिश दोपहर दो बजे तक 48.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गई।

मौसम विज्ञानी प्रो. एचएस मिश्र के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बहुत बड़ा चक्रवात बन रहा है, जो जल्द ही मानसून उत्तर पूर्व की तरफ दस्तक दे सकता है। इससे लोकल हीटिंग बढ़ गई है। इसके अलावा अगले हफ्ते तक इस भू भाग में भी बारिश की पूरी संभावना बन रही है। इस बीच तापमान में और वृद्धि होने की संभावना है।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. शैलेंद्र राय ने बताया कि 30 वर्ष में दूसरी बार इतना गर्म दिन देखा गया है। उनके मुताबिक 30 मई 1994 को प्रयागराज में अधिकतम तापमान 48.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। इसके बाद से अब अधिकतम तापमान 48.2 डिग्री सेल्सियस पहुंचा है।

 

पांच लोगों की हीट स्ट्रोक से मौत

बुधवार को गर्मी और हीट स्ट्रोक से पांच लोगों की मौत हो गई। धूमनगंज थाने में तैनात दरोगा रणकेंद्र सिंह (56) ड्यूटी पर कचहरी आए थे। यहां अचानक गश खाकर गिर गए। आनन-फानन उन्हें बेली अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। मूलरूप से झांसी के उल्दन थाना क्षेत्र के उल्दन गांव के रहने वाले रणकेंद्र सिंह 1987 में पुलिस विभाग में भर्ती हुए थे। कुछ समय पहले उनका प्रमोशन उप निरीक्षक पद पर हो गया था। वह 19 जनवरी 2023 से धूमनगंज थाने में तैनात थे।

हंडिया इलाके में फेरी लगाकार सामान बेचने आए मोहम्मद नसीर (60) निवासी घोसिया भदोही निवासी की मौत हो गई। वह डोर टू डोर जाकर डोर मैट बेचने का कार्य करता था। हंडिया में घूमने के बाद वह घोसिया के लिए निकला था। चकमदा गांव के सामने अचानक आटो रुकवा कर नीचे उतरा तो जमीन पर गिर पड़ा। लोग पास के एक ढाबे पर ले जाकर पानी पिलाने लगे तब तक उसकी मौत हो गई।

इसी तरह मांडा इलाके के महेवा कला गांव में भीषण गर्मी से बेहोश होकर बीच रास्ते मे गिरने लाले सोनकर (66) की मौत हो गई। उधर, लालापुर इलाके में बड़गड़ी निवासी बुद्धिमान सिंह (60) और जनवा निवासी छेदीलाल आदिवासी (62) की लू और गर्मी से मौत हो गई। तहसीलदार शंकरगढ़ राकेश यादव ने पहुंचकर उचित मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया.

प्रतापगढ़ में भी हीट स्ट्रोक से दो लोगों की चली गई जान

अत्यधिक गर्मी अब लोगों के जान पर भारी पड़ने लगी है। बुधवार को हीट स्ट्रोक की वजह से दो लोगों की जान चली गई। मृतक में एक लालगंज तो दूसरा रानीगंज का रहने वाला है। लालगंज के गोखाड़ी निवासी श्याम सुंदर सिंह 56 बुधवार दोपहर आटा चक्की पर गया था। लौटकर घर आया। गर्मी के चलते वह दरवाजे पर ही अचेत होकर गिर गया। परिजन परेशान हो गए। तत्काल उसे लेकर लालगंज ट्रामासेंटर पर पहुंचे। चिकित्सकों ने उसे मृत्यु घोषित कर अदिया। वहीं रानीगंज के ढिढौसी निवासी हरिकांत शुक्ल 85 गर्मी के चलते अचेत हो गया। तेज बुखार भी हो गया। परिजन उसे लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे। इलाज के दौरान हरिकांत शुक्ल की मौत हो गई।

क्या है हीट स्ट्रोक

मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. रमेश पांडेय ने कहा कि हीट स्ट्रोक काफी खतरनाक बीमारी है, जो बहुत ज्यादा गर्मी वाली कंडीशन और अत्यधिक विषम स्थितियों में होती है। इसकी वजह से मृत्यु तक हो सकती है। हीट स्ट्रोक उस स्थिति में होता है, जब शरीर का तापमान 105°F (40.6°C) तक बढ़ जाता है और हमारा शरीर तापमान को रेगुलेट करने की अपनी क्षमता खो देता है। ध्यान दें कि हमारे शरीर का नॉर्मल तापमान 98.4°F (37°C) होता है। बेहद गर्मी में एक्सपोजर होने पर हीट स्ट्रोक हो सकता है और ऐसे में शरीर का तापमान बढ़ता है लेकिन उस तरह से नहीं जैसा कि बुखार होने पर होता है।

कब होता है हीट स्ट्रोक

हीट स्ट्रोक अक्सर तब होता है, जब गर्मी के अन्य रोग जैसे कि क्रैम्प्स और हीट एग्जॉस्शन बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच जाते हैं, लेकिन कई बार यह बिना किसी बीमारी या लक्षण के भी हो सकता है। हीट स्ट्रोक के अत्यंत दुर्लभ मामलों में यह जानलेवा भी हो सकता है या इसकी वजह से ब्रेन को भी नुकसान पहुंच सकता है। अक्सर ज्यादा देर तक गर्मी/हीट में रहने से हीट स्ट्रोक हो सकता है। ऐसे में शरीर में पानी की कमी हो जाती है और हीट कंट्रोल करने की शरीर की क्षमता खत्म हो जाती है। डॉ. पांडेय ने कहा कि इसलिए, लोगों को गर्मियों के दौरान ज्यादा सावधानी बरतने और अपने आपको सुरक्षित और हाइड्रेटेड रखना चाहिए।

इन लोगों को ज्यादा खतरा

डॉ. अनुज चौरसिया ने बताया कि “हृदय रोगियों और हाइपरटेंशन या डायबिटीज के मरीजों को गर्मी से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। किडनी डिजीज से ग्रस्त लोगों को भी खतरा होता है। उन्ळोंने कहा कि किसी को शरीर का तापमान बढ़ने, मितली आने, दौरे, तेज सिरदर्द या बेहोशी की शिकायत महसूस हो तो उस व्यक्ति के शरीर का तापमान कम करने के लिए तत्काल कोशिश करनी चाहिए। साथ ही, हीट क्रैम्प्स और हीट एग्जॉस्शन को भी नजरंदाज नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी को हीट स्ट्रोक हो तो तुरंत मरीज को आइस बाथ या ठंडे पानी में नहलाएं या कमरे में तेज कूलिंग कर लेटाएं।
हीट एग्जॉस्शन के लक्षण
गर्मी की वजह से थकावट (हीट एग्जॉस्शन) महसूस करने वाले मरीजों में घबराहट, अत्यधिक कमजोरी, बेहोशी, सिरदर्द, पेट में मरोड़, मितली, उलटी, दस्त, लगातार मांसपेशियों में क्रैम्प्स पड़ने की शिकायतें देखी जाती हैं।

बचाव के लिए क्या करें

– पर्याप्त मात्रा में पानी (करीब 3 से 4 लीटर प्रतिदिन) पीते रहें।
– बाहर जाएं तो अपने सिर को टोपी या स्कार्फ से ढककर रखें।
– हल्के-फुल्के और ढीले सूती कपड़े पहनें। ढीले कपड़ों को पहनने से शरीर जल्दी ठंडा होता है।
– बाहर से घर वापस आने पर पहले खुद को नॉर्मल तापमान पर लाएं, ऐसा करने के लिए पंखा चलाकर बैठें और फिर 20 से 30 मिनट के बाद स्नान करें ताकि आपका शरीर पूरी तरह से ठंडा हो सके।
– गर्मी के दिनों में बच्चों तथा बूढ़ों के साथ खुद भी सुबह दस के बाद घर से निकलने से बचें।

Courtsyamarujala.com
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