इलाहाबाद और आसपास की चार में से दो सीटें सपा ने जीत लीं। इलाहाबाद सीट पर कांग्रेस ने झंडा गाड़ा, तो कौशाम्बी और प्रतापगढ़ सीटें सपा ने छीन लीं। जबकि सिर्फ फूलपुर की सिर्फ एक सीट पर भाजपा कमल खिलाने में कामयाब हो सकी।
चार दशक बाद इलाहाबाद सीट पर कांग्रेस के उज्ज्वल रमण सिंह ने भाजपा के नीरज त्रिपाठी को पराजित किया। सपा के वरिष्ठ नेता रेवती रमण सिंह के पुत्र उज्जवल सपा शासन काल में मंत्री भी रह चुके हैं। कांग्रेस के टिकट पर उज्ज्वल रमण सिंह ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे पं.केशरीनाथ त्रिपाठी के पुत्र नीरज को 58,795 मतों से हराया। उज्जवल को 4,62,145 और नीरज को 4,03,350 मत मिले।
इसी तरह फूलपुर लोक सभा सीट पर कांटे की टक्कर में भाजपा ने जीत दर्ज की। भाजपा ने फूलपुर से ही तीन बार के विधायक रहे प्रवीण पटेल को इस बार अपना उम्मीदवार बनाया था। प्रवीण ने सपा उम्मीदवार अमरनाथ मौर्य को 4,332 मतों से हराया। प्रवीण को 4,52,600 और अमरनाथ को 4,48,268 मत मिले।
इसी तरह प्रतापगढ़ सीट पर सपा के डॉ. एसपी सिंह पटेल ने 66,206 मतों से जीत दर्ज की। यहां एसपी सिंह को 4,41,932 और भाजपा सांसद रहे संगम लाल गुप्ता को 3,75,726 वोट मिले। इनके अलावा भाजपा अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री सांसद विनोद सोनकर भी कौशाम्बी सीट से 1,03,944 मतों के बड़े अंतर से चुनाव हार गए। यहां सपा के पुष्पेंद्र सरोज ने उन्हें हराया। पुष्पेंद्र ने 5,09,787 मत हासिल किया। जबकि भाजपा के विनोद सोनकर को 4,05,843 मत मिले।
इलाहाबाद लोकसभा सीट : 40 साल बाद खुला कांग्रेस का खाता
कांग्रेस प्रत्याशी उज्ज्वल रमण सिंह ने नीरज त्रिपाठी को पराजित कर इलाहाबाद लोकसभा सीट पर 40 साल बाद कांग्रेस का परचम लहरा दिया है। इसके पहले 1984 में अमिताभ बच्चने रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की थी। उज्ज्वल रमण ने चार दशक के बाद कांग्रेस की वापसी कराई। यहां पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की पुत्री निवर्तमान सांसद रीता बहुगुणा जोशी का टिकट काटकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे पं. केशरी नाथ त्रिपाठी के पुत्र नीरज त्रिपाठी को उम्मीवार बनाया गया था।
इसके बाद पार्टी में अंदरखाने अंतरविरोध पैदा हो गया था। नया चेहरा होने के साथ ही सियासत के दांव में नया खिलाड़ी होने का फायदा कांग्रेस उम्मीदवार उज्ज्वल को मिला। दो बार के सांसद रहे रेवतीरमण सिंह का सियासी अनुभव और यमुनापार इलाके में मजबूत पकड़ होने के साथ ही सपा के साथ गठबंधन,भाजपा के परंपरागत मतों में बिखराव कांग्रेस की जीत का कारण बना।
चुनाव में प्रमुख मुद्दे:
-बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दे पर युवाओं ने कांग्रेस का साथ दिया।
-पहली बार मुसलमानों के सामने कांग्रेस के अलावा दूसरा कोई विकल्प न होने से भी भाजपा अपने गढ़ में पड़ी कमजोर
-परंपरागत मतों में बिखराव, खासतौर से पटेल और दलित मतों में विभाजन भी भाजपा की हार का बड़ा कारण बना।
विजेता: उज्ज्वल रमण सिंह
वोट: 4,60,277
पार्टी- कांग्रेस
हारे: नीरज त्रिपाठी
वोट: 4,01,842पार्टी-भाजपा
प्रतापगढ़: सपा ने भाजपा से छीना भगवा किला
कुंडा विधायक राजा भैया रघुराज प्रताप सिंह के गढ़ में क्षत्रिय विरोधी बयानबाजी का भाजपा उम्मीदवार पर विपरीत असर पड़ा। इस सीट से भाजपा की ओर से दूसरी बार उम्मीदवार बनाए गए संगमलाल गुप्ता पर सर्व समाज को साथ लेकर न चलने, सवर्णों की अनसुनी करने को लेकर भी लोगों में नाराजगी रही है। पार्टी के भीतर उनकी उम्मीदवारी को लेकर अंतरविरोध भी भाजपा की हार का बड़ा कारण बना।
चुनाव में प्रमुख मुद्दे:
– बेरोजगारी, महंगाई का मुद्दा हावी रहा।
– बसपा की ओर से मजबूत कंडीडेट न होने से मुसलमानों के आगे सपा के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा।
राजा भैया के प्रभाव वाली इस सीट पर सवर्णों में खुलकर भाजपा के प्रति नाराजगी रही।
-परंपरागत मतों में भी जमकर सेंधमारी हुई। मुफ्त राशन का मुद्दा स्थानीय प्रभावों के आगे फेल हुआ।
विजेता: डॉ. एसपी सिंह पटेल
वोट: 4,39,836
पार्टी- सपा
हारे: संगम लाल गुप्ता
वोट: 3,74,208पार्टी भाजपा
कौशाम्बी: भाजपा नहीं लगा सकी हैट्रिक, सपा ने पुष्पेंद्र सरोज जीते
कौशाम्बी लोक सभा सीट पर दो बार के सांसद रहे विनोद सोनकर को फिर टिकट दिए जाने से पार्टी में गुटबाजी पैदा हो गई थी। विनोद सोनकर के सवर्ण विरोधी बयानों वाले वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होने से भाजपा को नुकसान हुआ। इसके अलावा सांसद रहते विनोद सोनकर पर जनता से दूर रहने के साथ ही सपा को राजा भैया का मौन समर्थन मिलना भी भाजपा की पराजय का बड़ा कारण रहा।
चुनाव में प्रमुख मुद्दे:
-बेरोजगारी, पेपरलीक और महंगाई के मुद्दे पर युवाओं, किसानों ने गठबंधन का साथ दिया।
– मुस्लिम मतों का सपा के पक्ष में ध्रुवीकरण। होने के साथ ही राजा भैया के प्रभाव वाले कुंडा और बाबागंज विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को नुकसान।
-परंपरागत मतों में बिखराव, यादव- पासी और दलित मतों में एकजुटता भाजपा की हार की बड़ी वजह बनी।
विजेता: पुष्पेंद्र सरोज
वोट: 5,09,787
पार्टी- सपा
हारे: विनोद सोनकर
वोट: 4,05,843
पार्टी: भाजपा
फूलपुर: कांटे की टक्कर में भाजपा ने सपा के अमरनाथ मौर्य को हराया
फूलपुर पर कांटे की टक्कर में भाजपा ने जीत हासिल की। यहां सांसद रहीं केशरी देवी पटेल का टिकट काटकर भाजपा ने तीन बार के विधायक रहे प्रवीण पटेल को उम्मीदवार बनाया। यहां पार्टी में भितरघात के साथ ही मौर्या, पाल, मुस्लिम मतों के ध्रुवीकरण और परंपरागत मतों में विभाजन की वजह से भाजपा को अंत तक कड़ा संघर्ष करना पड़ा। अंतिम चक्र तक सपा और भाजपा के मतों में मामूली अंतर से उतार-चढ़ाव बना रहा।
चुनाव में प्रमुख मुद्दे:
-बेरोजगारी, महंगाई, पेपरलीक के मुद्दे पर युवाओं ने भाजपा को घेरा तो किसानों, महिलाओं ने दिया साथ।
-मौर्या, यादव, मुसलमान मतों का सपा की तरफ ध्रुवीकरण होने के बावजूद कुर्मी मतों का विभाजन रोकने में कामयाब हुई भाजपा।
-मुफ्त राशन और आवास योजनाओं का दलित और अति पिछड़ा समाज के लोगों पर दिखा असर ।
विजेता: प्रवीण पटेल
वोट: 4,51,380
पार्टी- भाजपा
हारे: अमर नाथ मौर्य
वोट: 4,46,596
Courtsyamarujala.com