Monday, September 9, 2024
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UP : हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव चिकित्सा से मांगा जवाब, एसआरएन में रेजीडेंट के ड्यूटी रूम को स्टोर बनाने का मामला

अमर उजाला की पूर्व में छपी खबर का स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने 18 जुलाई के आदेश में एसआरएन अस्पताल के वार्ड में आवारा कुत्तों व चूहों के आतंक के मामले में दो अधिवक्ताओं को निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 21 अगस्त को अमर उजाला में ‘ड्यूटी रूम बने स्टोर…कहां बैठे रेजिडेंट डॉक्टर, बाथरूम में तो दरवाजा ही नहीं’ शीर्षक से छपी खबर का संज्ञान लिया है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) व चिकित्सा अधीक्षक से जवाब मांगा है।

कोर्ट ने कहा हलफनामा दाखिल कर डॉक्टरों और वार्ड नर्सों के ड्यूटी रूम की संख्या बताएं। ड्यूटी रूम की तस्वीरें रिकॉर्ड में लाएंगे ताकि पता चल सके कि ड्यूटी रूम में सुसज्जित हैं या नहीं। ड्यूटी डॉक्टरों, नर्सों और मरीजों और उनके परिचारकों के लिए उपलब्ध शौचालय व वॉशरूम की सुविधाओं के बारे में भी जानकारी मांगी है। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता व न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान की जनहित याचिका पर दिया है।

अमर उजाला की पूर्व में छपी खबर का स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने 18 जुलाई के आदेश में एसआरएन अस्पताल के वार्ड में आवारा कुत्तों व चूहों के आतंक के मामले में दो अधिवक्ताओं को निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

 

अमर उजाला में छपी खबर का लिया संज्ञान

रिपोर्ट में एसआरएन अस्पताल में आवारा कुत्तों के टहलने की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि अस्पताल के अधिकारियों ने नगर निगम को इस समस्या का उपाय करने का अनुरोध भेजा है, लेकिन उसने अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। निरीक्षण दल को ओपीडी ब्लॉक को अन्य ब्लॉकों से जोड़ने वाले गलियारे में आवारा कुत्ते भी मिले। उन्होंने अस्पताल ब्लॉक के बाहर कई आवारा कुत्तों को भी देखा।
कोर्ट ने रिपोर्ट पर चिंता जताते हुए कहा अस्पताल परिसर में आवारा कुत्तों के प्रवेश को रोकने के लिए अस्पताल प्रशासन ने कोई गंभीर प्रयास नहीं किया गया है। यह शहर का प्रमुख अस्पताल है। इसे आवारा कुत्तों से मुक्त किया जाना चाहिए। क्योंकि कुत्ते विभिन्न प्रकार के संक्रमण के स्रोत हैं।

इसी दौरान कोर्ट ने कहा कि हमें यह भी सूचित किया गया है कि ड्यूटी डॉक्टरों के कमरे में बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। उनके पास आराम करने के लिए उचित जगह नहीं है। उक्त स्थिति को अमर उजाला अखबार में भी उजागर किया गया है और उसकी प्रति रिकार्ड में ली गई है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) से हलफनामा दाखिल कर आवारा कुत्तों के खतरे को रोकने के संबंध में उपायों के बारे में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी।

 

 

 

Courtsy amarujala.com

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