वर्ष 2022 के पुरस्कारों की घोषणा ही रोक दी गई है। पता चला है कि तीन राष्ट्रीय और नौ राज्य स्तरीय पुरस्कारों के लिए जिन नामों की अनुशंसा कार्य समिति ने की थी, उनकी योग्यता और दावे के संबंध में साक्ष्य भी मांगे गए हैं।
हिंदी साहित्य में संत परंपरा के अवदान समेत कविता-कथा लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान पर हिंदुस्तानी एकेडमी की ओर से दिए जाने वाले राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पुरस्कारों पर रोक लगा दी गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने भाषा विभाग को पत्रावली वापस कर दी है। इसमें वर्ष 2022 के तीन राष्ट्रीय और नौ राज्य स्तरीय समेत कुल 12 पुरस्कार शामिल हैं। पांच लाख रुपये के गुरु गोरक्षनाथ शिखर सम्मान को लेकर आपत्ति लगने की बात कही जा रही है।
हिंदी व उसकी सहयोगी भाषाओं को समृद्ध और लोकप्रिय बनाने में एक जमाने में हिंदुस्तानी एकेडमी के योगदान को भले ही अविस्मरणीय माना जाता रहा हो, लेकिन अब स्थितियां बदल गई हैं। उदासीनता की हद यहां तक है कि एकेडमी की ओर से 2018 से 2021 तक घोषित पुरस्कारों की धनराशि दो दे दी गई है, लेकिन सम्मान पत्र अभी तक वितरित नहीं किए जा सके हैं।
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