Monday, November 11, 2024
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UPPSC : चुनाव के बाद अब बड़े पैमाने पर भर्ती की तैयारी, भर्तियों को शीघ्र हरी झंडी मिलने के आसार

एक तरफ आयोग ने संशोधित कैलेंडर में पीसीएस-2024, सम्मिलित राज्य कृषि सेवा परीक्षा-2023, आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023, अपर निजी सचिव परीक्षा जैसी महत्वपूर्ण भर्तियों के लिए परीक्षाओं की तिथियां घोषित कर दी हैं।

इस बार लोकसभा चुनाव में भर्तियों और पेपर लीक का मुद्दा छाया रहा। यूपी में भाजपा को लगे तगड़े झटके के बाद अब बड़े पैमाने पर भर्तियां शुरू करने की तैयारियां की जा रहीं हैं। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने जहां वर्ष 2024 का संशोधित कैलेंडर जारी कर दिया है, वहीं उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत से लंबित पड़ी भर्तियां शुरू कराने जा रहा है।

एक तरफ आयोग ने संशोधित कैलेंडर में पीसीएस-2024, सम्मिलित राज्य कृषि सेवा परीक्षा-2023, आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023, अपर निजी सचिव परीक्षा जैसी महत्वपूर्ण भर्तियों के लिए परीक्षाओं की तिथियां घोषित कर दी हैं। वहीं, दूसरी ओर शिक्षा सेवा चयन आयोग ने अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर दो साल से लंबित पड़ी भर्ती के लिए परीक्षा कराने की तैयारी कर ली है।

इसके अलावा अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक (टीजीटी)/प्रवक्ता (पीजीटी) के 4163 पदों पर भी दो साल से भर्ती लंबित पड़ी है, जिसके लिए आवेदन की प्रक्रिया अगस्त-2022 में पूरी हो चुकी है। इस भर्ती के लिए 13 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन कर रखे हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा के बाद टीजीटी-पीजीटी परीक्षा कराने की योजना है। यह परीक्षा भी इसी साल कराने की तैयारी है। साथ ही प्राथमिक विद्यालयों में छह साल बाद शिक्षक भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करने की तैयारी है।
उच्च शिक्षा निदेशालय ने शुरू कराई रिक्त पदों की गणना

उच्च शिक्षा निदेशालय ने अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों की गणना शुरू करा दी है। जून में बड़ी संख्या में शिक्षक रिटायर हो रहे हैं। महाविद्यालयों से रिक्त पदों के बारे में जानकारी मांगी जा रही है। रिक्त पदों की गणना के बाद निदेशालय की ओर से उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को नई भर्ती के लिए अधियाचन भेजा जाएगाा।

साल भर से फंसी पांच भर्तियों के भी शुरू होने के आसार

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को कई भर्तियों के लिए रिक्त पदों के अधियाचन मिल चुके हैं लेकिन पाठ्यक्रम संशोधन, स्क्रीनिंग परीक्षा से संबंधित नियमावली, परीक्षा योजना आदि को शासन से मंजूरी मिलने के बाद ये भर्तियां अटकी हुईं हैं। इनमें प्रमुख रूप से राजकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक, राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर, खंड शिक्षा अधिकारी, सम्मिलित राज्य अभियंत्र सेवा परीक्षा जैसी भर्तियां शामिल हैं। चुनाव परिणामों को देखते हुए शासन पर भर्तियां शीघ्र शुरू कराने का दबाव बढ़ गया है। ऐसे में भर्तियों के लिए शासन स्तर से शीघ्र हरी झंडी मिलने की उम्मीद है, जिसके बाद आयेाग इन भर्तियों के विज्ञापन जारी करेगा।

यूपीएसएसएससी की भर्तियां भी वर्षों से अटकीं

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की भी बड़े पैमाने पर भर्तियां अटकी हुईं है। हालत यह है कि कुछ भर्तियाें के लिए अभ्यर्थी कई वर्षों से इंतजार कर रहे हैं। लोअर पीसीएस भर्ती के लिए अभ्यर्थी छह साल, तकनीकी सहायक एवं राजस्व निरीक्षक भर्ती के लिए नौ-नौ साल, परिवहन निरीक्षक भर्ती के लिए सात साल, वन रक्षक भर्ती के लिए छह साल से इंतजार कर रहे हैं।

भर्तियों की जांच के नाम पर भी मिला धोखा

प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि भर्तियों की जांच के नाम पर भी अभ्यर्थियों को धोखा मिला। वर्ष 2017 में यूपीपीएससी की भर्ती परीक्षाओं की सीबीआई जांच शुरू हुई थी। सीबीआई ने परीक्षाओं में धांधली को लेकर मुकदमे भी दर्ज किए लेकिन किसी भी मामले में कोई सीधी कार्रवाई नहीं की गई। भर्ती परीक्षाओं में धांधली के दोषी अब भी सीबीआई की पकड़ से बाहर हैं। वहीं, बड़े पैमाने पर भर्तियां लंबित पड़ीं हैं। समिति ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि भर्तियों में भ्रष्टाचार के दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और सभी लंबित भर्तियां तत्काल शुरू कराई जाएं।

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