प्रयागराज की रहने वाली श्रुति ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मरियमपुर स्कूल, कानपुर से पूरी की। इसके बाद कानपुर विश्वविद्यालय से बीएससी की पढ़ाई पूरी की और फिर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से मानव विज्ञान में पीजी की पढ़ाई की। पीजी के बाद वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गईं।
न कोई कोचिंग और न ही किसी से परीक्षा की तैयारी के लिए कोई मदद ली। दूरस्थ शिक्षा से पीजी की पढ़ाई पूरी की और इसके बाद सेल्फ स्टडी (स्व अध्ययन) के जरिये परीक्षा की तैयारी में जुट गईं। अशोक नगर की श्रुति श्रवण ने 882वीं रैंक के साथ सिविल सेवा परीक्षा में चयनित होकर दूसरों के लिए नजीर पेश की।
मूलत: प्रयागराज की रहने वाली श्रुति ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मरियमपुर स्कूल, कानपुर से पूरी की। इसके बाद कानपुर विश्वविद्यालय से बीएससी की पढ़ाई पूरी की और फिर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से मानव विज्ञान में पीजी की पढ़ाई की। पीजी के बाद वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गईं। पिता की सेवानिवृत्ति के बाद परिवार वापस प्रयागराज आकर बस गया और श्रुति ने आईएएस अफसर बनने के लिए दिन-रात एक कर दिया।
श्रुति ने कोई कोचिंग नहीं की और घर में ही पढ़तीं रहीं। उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में सफलता हासिल की। त्रुति ने सिविल सेवा परीक्षा अंग्रेजी माध्यम से दी और परीक्षा में उनका वैकल्पिक विषय मानव विज्ञान था। उनके पिता श्रवण कुमार आयकर अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं और मां सुनीला श्रवण ग्रहणी हैं। श्रुति के छोटे भाई अंकित श्रवण इलाहाबाद डिग्री कॉलेज में एलएलबी चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र हैं।
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