प्रयागराज जिले का सबसे लम्बी दूरी का ऐतिहासिक इमामबाड़ा नीम सराय का अलम, तबल का जुलूस मरहूम दरवेश नजफ साहब के मकान से “या अली या हुसैन” के नारों के साथ ताजियादार सुल्तान नजफ अलीमी की अगुवाई में निकाला गया। जुलूस में हर समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया रास्ते में जगह जगह लोगों ने पानी और शर्बत का इंतेजाम किया था। रास्ते भर लोगों ने अलम व चौकी पर फूल माला चढ़ाकर अपनी अकीदत का इजहार किया व मन्नते मांगी नखास कोहना पहुँचने पर ऐतिहासिक मुहर्रम कमेटी के अध्यक्ष असरार नियाज़ी ने आधे दर्जन से अधिक ताजियादारों के साथ जुलूस का स्वागत किया, एवं अलम व मेहंदी की जियारत की। जुलूस बड़ा ताजिया पहुंचने पर तजियादार रेहान खॉ के साहबजादे इमरान खॉ ने जुलूस का स्वागत किया व शर्बत पानी का इंतेजाम भी किया। बडा ताजिया पर नौहा खानी भी गई, नौहा खानी की लाइन इस तरह से थी, “हलचल है फौजे शाम मे अब्बास आते हैं, दरिया का रूख है मश्को अलम साथ लाते है।” जिसे सून कर लोगो के आँखे नम हो गई। जुलूस 6 बजे बड़ा ताजिया पर पूरा हो गया। जुलूस में शाही इमामबाड़ा बेगम सरांय के ताजियादार नूरबाबू, तारिक सईद अज्जू, मो. वैस, एरम रब्बानी नूरजादे, गुलशेर भाई हबीबुल्लाह, शानू, जीशान, मुदस्सिर, फुरकान, सिब्तैन, मुज्तबा, हसनैन, कल्लू, प्रदीप, वीरू, विनोद सोनकर सभासद आदि हजारो के तादाद में लोगो ने शिरकत की।
Anveshi India Bureau